राज्य मनरेगा के विभिन्न मानकों पर देशभर में प्रथमःमुख्यमंत्री
ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक
राज्य मनरेगा के विभिन्न मानकों पर देशभर में प्रथम : मुख्यमंत्री
-ग्रामीण क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं का किया जाएगा विकास
-महिलाओं के लिए शुरू होगा को-ऑपरेटिव बैंक
-50,000 नए स्वयं सहायता समूहों का होगा गठन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत श्रमिक दर तेजी से बढ़ी है। मनरेगा में अनुमोदित श्रम बजट, 100 दिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या, मानव दिवसों के सृजन तथा नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम में राज्य देशभर में प्रथम स्थान पर है। मनरेगा में 100 दिवस पूर्ण करने वाले परिवारों को राज्य सरकार की ओर से 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार दिया जा रहा है। वहीं सहरिया, खैरूआ, कथौड़ी व विशेष योग्यजन को राज्य सरकार द्वारा 100 दिन का अतिरिक्त रोजगार देने के आदेश भी जारी हो चुके है। भीषण गर्मी को देखते हुए मनरेगा कर्मियों के लिए कार्यस्थल पर पीने के पानी, छाया, क्रेच, मेडिकल किट, साबुन-सेनेटाइजर आदि की व्यवस्था करवाई गई है।
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि गांवों के लिए मास्टर प्लान बनाकर वहां शहरों की तर्ज पर ढांचागत सुविधाओं को विकसित करने की ठोस योजना तैयार की जा रही है। इसी क्रम में डांग, मेवात व मगरा क्षेत्र विकास बोर्ड की राशि को बढ़ाकर 25 करोड़ कर दिया गया है। गांवों में इन्टरलॉक सड़कें, ड्रेनेज सिस्टम, उद्यान, पुस्तकालय व अन्य सामुदायिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण से चयनित ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी विकास पथ का निर्माण प्रारम्भ किया जाएगा, जिसमें प्रथम चरण में 3000 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों का चयन होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं का राजीविका से कन्वर्जेन्स कर आय बढ़ाने हेतु कार्यशाला, नर्सरी विकास, सड़क के किनारे वृक्षारोपण के कार्य आयोजित किए जाएंगे। 600 करोड़ की लागत से 50,000 फॉर्म पौण्ड, डिग्गी व टांकों का निर्माण करवाया जाएगा, जिससे लगभग 10,000 हैक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। बंजर भूमि व चारागाह विकास बोर्ड द्वारा 1000 चारागाह तैयार करने का कार्य तेजी से चल रहा है।
गहलोत ने कहा कि महिला सशक्तिकरण हमारी प्राथमिकता है। प्रदेश में 50,000 स्वयं सहायता समूह के गठन की कार्ययोजना बना ली गई है जिससे 5.50 लाख ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित होंगी। इन स्वयं सहायता समूहों को रिवोल्विंग फंड व कम्युनिटी इनवेस्टमेंट फंड के माध्यम से वित्तीय सहायता मुहैया करवाई जाएगी व बैंक ऋण के रूप में 600 करोड़ रूपए की व्यवस्था की जाएगी। श्री गहलोत ने कहा कि महिला को-ऑपरेटिव बैंक की प्रथम शाखा जल्द ही जयपुर में खोली जाएगी। साथ ही सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं में मेट व्यवस्था के अन्तर्गत 50 प्रतिशत से अधिक महिला मेटों के नियोजन का कार्य किया जा रहा है। भीलवाड़ा जिले में 100 प्रतिशत महिला मेट का नियोजन किया जा चुका है जो एक ऎतिहासिक पहल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न जिलों में स्थित ग्रामीण तथा शहरी हाट बाजारों का संचालन अब ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा ताकि इनका वर्षभर उपयोग हो सके। मनरेगा में श्रमिकों द्वारा स्वयं कार्य की मांग करने के लिए मोबाइल ऎप बनाने का कार्य प्रगति पर है जिससे श्रमिकों के रोजगार का अधिकार सुनिश्चित होगा। वहीं जॉब कार्ड में जनआधार की एंट्री के लिए भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है। इससे जॉब कार्ड की डुप्लीकेशन की समस्या समाप्त होगी। श्री गहलोत ने केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा के बजट में कटौती पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिए भारत सरकार द्वारा सामग्री मद में 3000 करोड़ का भुगतान बकाया है, जिसके लिए भारत सरकार को पत्र लिखकर बकाया राशि का भुगतान करने का आग्रह किया जाएगा।
ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि विभाग प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोऱा, प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास विभाग अपर्णा अरोऱा, शासन सचिव ग्रामीण विकास विभाग डॉ. कृष्णकांत पाठक, राज्य मिशन निदेशक राजीविका मंजू राजपाल तथा आयुक्त मनरेगा शिवांगी स्वर्णकार सहित विभाग के अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।