माँ तेरे इस प्यार को

माँ वीणा की तार है, माँ है फूल बहार । माँ ही लय, माँ ताल है, जीवन की झंकार ।।

Sat, 07 May 2022 05:20 PM (IST)
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माँ तेरे इस प्यार को

तेरे आँचल में छुपा, कैसा ये अहसास ।
सोता हूँ माँ चैन से, जब होती हो पास ।।
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माँ ममता की खान है, धरती पर भगवान ।
माँ की महिमा मानिए, सबसे श्रेष्ठ-महान ।।
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माँ वीणा की तार है, माँ है फूल बहार ।
माँ ही लय, माँ ताल है, जीवन की झंकार ।।
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माँ ही गीता, वेद है, माँ ही सच्ची प्रीत ।
बिन माँ के झूठी लगे, जग की सारी रीत ।।
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माँ हरियाली दूब है, शीतल गंग अनूप ।
मुझमें-तुझमें बस रहा, माँ का ही तो रूप ।।
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माँ तेरे इस प्यार को, दूँ क्या कैसा नाम ।
पाये तेरी गोद में, मैंने चारों धाम ।।

--सत्यवान 'सौरभ'

(दोहा संग्रह तितली है खामोश से )

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