माँ तेरे इस प्यार को

माँ वीणा की तार है, माँ है फूल बहार । माँ ही लय, माँ ताल है, जीवन की झंकार ।।

May 7, 2022 - 17:20
 0
माँ तेरे इस प्यार को

तेरे आँचल में छुपा, कैसा ये अहसास ।
सोता हूँ माँ चैन से, जब होती हो पास ।।
●●●
माँ ममता की खान है, धरती पर भगवान ।
माँ की महिमा मानिए, सबसे श्रेष्ठ-महान ।।
●●●
माँ वीणा की तार है, माँ है फूल बहार ।
माँ ही लय, माँ ताल है, जीवन की झंकार ।।
●●●
माँ ही गीता, वेद है, माँ ही सच्ची प्रीत ।
बिन माँ के झूठी लगे, जग की सारी रीत ।।
●●●
माँ हरियाली दूब है, शीतल गंग अनूप ।
मुझमें-तुझमें बस रहा, माँ का ही तो रूप ।।
●●●
माँ तेरे इस प्यार को, दूँ क्या कैसा नाम ।
पाये तेरी गोद में, मैंने चारों धाम ।।

--सत्यवान 'सौरभ'

(दोहा संग्रह तितली है खामोश से )

Sangri Today Sangri Today is a Weekly Bilingual Newspaper and website of news and current affairs that publishes news reports from various places, from general reports to opinion, analysis and fact checks.