सांचौर जिला निरस्त करने पर पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने जताई नाराजगी, बोले- जनता देगी जवाब
राजस्थान सरकार द्वारा सांचौर को जिला निरस्त किए जाने के फैसले से क्षेत्र के लोगों में गहरी निराशा है। पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने राज्य सरकार के इस निर्णय को गलत बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की।
सांचौर। राजस्थान सरकार द्वारा सांचौर को जिला निरस्त किए जाने के फैसले से क्षेत्र के लोगों में गहरी निराशा है। पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने राज्य सरकार के इस निर्णय को गलत बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सांचौर की जालोर मुख्यालय से 153 किलोमीटर और अंतिम गांव से ढाई सौ किलोमीटर की दूरी इसे जिला बनाए जाने के मापदंडों पर खरा उतारती है। लेकिन इसे निरस्त कर सरकार ने गलत कदम उठाया है, जिसका जवाब क्षेत्र की जनता आने वाले समय में जरूर देगी।
वहीं, सांचौर विधायक जीवाराम चौधरी ने कहा कि यह फैसला कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। रानीवाड़ा, भीनमाल और बागोड़ा क्षेत्र के लोगों द्वारा लगातार विरोध किए जाने की वजह से सरकार के पास सांचौर को जिला निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
सोमवार से महापड़ाव की तैयारी
पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि सांचौर को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर रविवार दोपहर एक बजे कलेक्ट्रेट मुख्यालय पर सम्मेलन बुलाया गया है। इसके बाद सोमवार से महापड़ाव डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय क्षेत्र की जनता की उम्मीदों और जनहित पर कुठाराघात है।
भाजपा सरकार पर विपक्ष का हमला
जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने गहलोत सरकार के समय बनाए गए 9 जिलों और 3 संभागों को समाप्त कर जनता के हितों पर सीधा प्रहार किया है। सांचौर की भौगोलिक स्थिति, बड़े क्षेत्रफल और दूर-दराज के गांवों की समस्याओं को देखते हुए इसे जिला बनाना बेहद जरूरी था।
जनता देगी जवाब
सुखराम बिश्नोई ने कहा कि राज्य सरकार का यह फैसला जनविरोधी है। क्षेत्र की जनता भाजपा को सबक सिखाएगी और एहसास कराएगी कि ऐसी नीतियां कभी सफल नहीं हो सकतीं। कांग्रेस पार्टी इस लड़ाई को हर मंच पर मजबूती से लड़ेगी।
"सांचौर को जिला निरस्त करना गलत है। यह निर्णय मापदंडों को अनदेखा करता है। जनता आने वाले समय में इसका जवाब जरूर देगी।" - सुखराम बिश्नोई, पूर्व मंत्री
"यह निर्णय कमेटी की रिपोर्ट पर आधारित है। रानीवाड़ा, भीनमाल और बागोड़ा क्षेत्र के विरोध के कारण सरकार के पास इसे निरस्त करने का विकल्प ही बचा था।" - जीवाराम चौधरी, विधायक सांचौर