इस्लामी तालीम के साथ साथ सुहाना बानो ने एमबीबीएस में टॉप कर किया नाम रोशन

इस्लामी तालीम के साथ साथ सुहाना बानो ने एमबीबीएस में टॉप कर किया नाम रोशन
इस्लामी तालीम के साथ साथ सुहाना बानो ने एमबीबीएस में टॉप कर किया नाम रोशन

मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती हैं, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती हैं..... जी हां, राजस्थान अजमेर जिले की लाड़ली ने ऐसा ही कारनामा कर दिखाया हैं, वैशाली नगर, अजमेर जिले की बेटी ने न केवल अजमेर जिले का नाम रोशन किया हैं बल्कि राजस्थान के उन सभी लड़कियों के लिए एक मिशाल पेश की हैं जो लड़कियों का काम घर में रहकर चूल्हे चौके तक सीमित मानते हैं । हम बात कर रहे हैं कम उम्र में एमबीबीएस करने वाली अजमेर की बेटी सुहाना बानों पुत्री इजराइल खान उर्फ आबिद खान की जिसने दीन और दुनिया की तालीम साथ साथ हासिल करते हुए एमबीबीएस करके अपने माता पिता का नाम रोशन किया हैं । एक ओर आज के दौर में जहां मुस्लिम लड़कियां पढ़ाई में पिछड़ती जा रही हैं और उन्हें केवल पर्दा प्रथा के तहत घर में रखा जा रहा हैं, तो वहीं डॉक्टर सुहाना बानों उन सभी मुस्लिम लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल हैं जो पर्दे और इस्लामी तालीम के साथ साथ दुनियावी तालीम में भी टॉप कर रही हैं । डॉ. सुहाना बानों का कहना हैं दीनी तालीम या बुर्का पहनना किसी भी लड़की को अपना करियर बनाने से नहीं रोकता हैं बल्कि दुनियावी और दीनी तालीम में संतुलन बनाकर मुस्लिम लड़कियां अपने हौसलों की उड़ान भर सकती हैं । 

बचपन से बनना चाहती थी डॉक्टर

अपने मम्मी पापा की लाड़ली सुहाना बानों 24 वर्ष की हैं, जिसने बचपन से ही सपने देखे थे कि उन्हें डॉक्टर बनना हैं । डॉ. बानों के मम्मी पापा का सपना था कि उनकी बिटिया एक बेहतरीन डॉक्टर बनकर गरीबों की सेवा कर सकें । इसी सपने को पूरा करने के लिए उनके मम्मी पापा ने कड़ी मेहनत करके उन्हें दीनी तालीम के साथ साथ एमबीबीएस की पढ़ाई करवाई । वर्तमान में डॉक्टर सुहाना बानों अपने अंतिम वर्ष की इंटर्नशिप पूरी कर रही हैं तथा एक डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं । डॉ. सुहाना बानों अपने मम्मी पापा के सपने को साकार कर डॉक्टर बनकर ज्यादा से ज्यादा गरीब व जरूरतमंदों की फ़्री सेवा करना चाहती हैं । डॉ. बानों का कहना हैं इस सपने को साकार करने के लिए उनके पूरे परिवार का साथ रहा हैं । एक ओर जहां मुस्लिम समाज में विशेष कर शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियां पिछड़ रही हैं, वहीं डॉक्टर सुहाना बानों दीन और दुनियावी तालीम में संतुलन बनाकर एमबीबीएस कर उन सभी मुस्लिम लड़कियों के लिए एक मिशाल बन गई हैं और डॉक्टर बनकर अपने मम्मी पापा के सपनों को ही साकार नहीं बल्कि पूरे अज़मेर जिले का नाम रोशन कर रही हैं ।