बाप ने इकलौते बेटे को जिंदा जलाया, VIDEO:डेढ़ करोड़ का हिसाब नहीं दिया तो थिनर फेंककर आग लगाई, कॉलोनी में भागता रहा युवक, मौत
मामला बेंगलुरु का सात दिन पहले का है। लेकिन, यह परिवार राजस्थान का रहने वाला है। बेंगलुरु पुलिस के अनुसार पिता सुरेंद्र जैन (55) ने अपने 25 साल के बेटे अर्पित को जला कर मार दिया। दरअसल, सुरेंद्र का कंस्ट्रक्शन और फैब्रिक का काम है।
मामला बेंगलुरु का सात दिन पहले का है। लेकिन, यह परिवार राजस्थान का रहने वाला है। बेंगलुरु पुलिस के अनुसार पिता सुरेंद्र जैन (55) ने अपने 25 साल के बेटे अर्पित को जला कर मार दिया। दरअसल, सुरेंद्र का कंस्ट्रक्शन और फैब्रिक का काम है। वह बेंगलुरु शहर (नॉर्थ) के चामराजपेट क्षेत्र के आजाद इलाके में रहते हैं। अर्पित ही पिता का बिजनेस संभालता है। सुरेंद्र को बिजनेस में डेढ़ करोड़ का हिसाब नहीं मिल रहा था। इस पर अर्पित से इस बारे में पूछा तो वह सही जवाब नहीं दे पाया। इस बात को लेकर 1 अप्रैल को दोनों में बहस हो गई।
एक बार बचा तो दूसरी बार में जलाया
बेटे से नाराज सुरेंद्र ने उस पर थिनर उड़ेल दिया। इस पर वह घबरा कर गोदाम से बाहर आ गया। पीछे आ रहे पिता ने आते ही पहले एक माचिस जलाकर उसकी ओर फेंकी, लेकिन वह बच गया। आरोपी पिता ने दूसरी बार माचिस लगा जैसे ही उस पर फेंकी कपड़ों ने तुरंत आग पकड़ ली। इस हादसे के बाद अर्पित का सात दिन तक इलाज चला। इसके बाद गुरुवार को विक्टोरिया हॉस्पिटल में उसने दम तोड़ दिया।
गलियों में चीखता हुआ दौड़ता रहा युवक
आग लगाने के बाद बेटा अपने आप को बचाने के लिए कॉलोनी की गलियों में दौड़ता रहा। आग की लपटों में घिरा बेटा तड़पता रहा। खुद को बचाने की पूरी कोशिश की। राहगीरों और गोदाम में काम करने वाले लोगों ने उसे बचाया और आग बुझाई। लेकिन, बुरी तरह झुलस गया था। घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है। वहीं एक प्रत्यक्षदर्शी की रिपोर्ट पर पुलिस ने मर्डर का मामला दर्ज करते हुए हत्यारे पिता को गिरफ्तार कर लिया है।
पिता बोले: राजस्थान का हूं, मैं केवल बेटे को समझा रहा था
आरोपी पिता सुरेंद्र जैन पुलिस कस्टडी में हैं। जब उनसे बातचीत की गई तो बाप ने बताया कि वह राजस्थान से है। चार पीढ़ियों से उनका परिवार बेंगलुरु ही रहता है। उन्हें नहीं पता है कि वे राजस्थान में कहां से है। लेकिन, बताया कि पाली-सिरोही के रहने वाले हैं।
आरोपी का कहना है कि यह सब गुस्से में हो गया। बेटे अर्पित को समझा रहा था और अचानक यह हादसा हो गया। बाप बोला कि अर्पित मेरे कलेजे का टुकड़ा था, उसको मारने की नहीं सोच सकता था। वो इकलौता बेटा था। सब कुछ बिजनेस वो ही संभालता था।