'जब पकौड़े बेचने को भी रोजगार कहा गया, तब मैंने ठान लिया कि खुद का बिज़नेस खड़ा करूंगा!' – Joydeep Dutta

MCA की डिग्री लेकर 50 से ज्यादा कंपनियों के इंटरव्यू देने वाले Joydeep Dutta को भी बेरोजगारी का सामना करना पड़ा।

Mar 15, 2025 - 15:54
Mar 15, 2025 - 15:57
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'जब पकौड़े बेचने को भी रोजगार कहा गया, तब मैंने ठान लिया कि खुद का बिज़नेस खड़ा करूंगा!' – Joydeep Dutta
'जब पकौड़े बेचने को भी रोजगार कहा गया, तब मैंने ठान लिया कि खुद का बिज़नेस खड़ा करूंगा!' – Joydeep Dutta

"अगर कोई पकौड़े बेचकर 200 रुपये कमाता है, तो वह भी एक रोजगार है!"– 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर पूरे देश में बहस छिड़ गई थी। लोगो ने इसे बेरोजगारी छिपाने की कोशिश बताया, जबकि कुछ लोगों ने इसे आत्मनिर्भरता का संदेश माना। लेकिन पश्चिम बंगाल के छोटे से शहर माणबाजार के Joydeep Dutta के लिए यह बयान एक प्रेरणा बन गया।

MCA की डिग्री लेकर 50 से ज्यादा कंपनियों के इंटरव्यू देने वाले Joydeep Dutta को भी बेरोजगारी का सामना करना पड़ा। बार-बार रिजेक्शन मिलने के बाद उन्होंने ये तय कर लिया कि नौकरी मांगने की जगह खुद नौकरी देने वाला बनना है!

"खुद जो झेला, अब किसी और को झेलने नहीं दूंगा!"

Joydeep Dutta का जन्म 26 मार्च 1991 को पश्चिम बंगाल के माणबाजार में हुआ। उनके पिता श्री कृष्ण चरण दत्ता और माता मीरा दत्ता ने हमेशा उन्हें आत्मनिर्भर बनने की सीख दी। BCA (2011) और MCA (2014) करने के बाद Joydeep को लगा था कि अच्छी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन जब 50 से ज्यादा कंपनियों ने रिजेक्ट कर दिया, तब असली संघर्ष शुरू हुआ।

Capgemini जैसी कंपनियों में लिखित परीक्षा पास करने के बावजूद कम्युनिकेशन स्किल्स की कमी के कारण इंटरव्यू में रिजेक्ट कर दिया गया। तब उन्होंने समझा कि सिर्फ डिग्री से कुछ नहीं होता, असली ताकत स्किल्स में होती है!

जब बिज़नेस शुरू किया तो सब डूब गया!

2019 में Joydeep Dutta ने Affnosys India नाम की डिजिटल मार्केटिंग कंपनी शुरू की। लेकिन लॉकडाउन में बिज़नेस पूरी तरह ठप हो गया। हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें कर्ज़ लेकर अपने एम्प्लॉई को सैलरी देनी पड़ी।

इसी दौरान उन्हें पर्सनल लाइफ में भी बड़ा धोखा मिला, करीबी लोग छोड़कर चले गए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी! मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत और स्किल इंडिया मिशन से प्रेरित होकर उन्होंने ठान लिया कि डिजिटल स्किल्स सीखकर दोबारा खड़े होंगे।

"अब मैं बेरोजगार युवाओं और किसानों के बच्चों को फ्रीलांसिंग सिखा रहा हूं!"

आज Joydeep Dutta ब्रांड मैनेजमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, इन्फ्लुएंसर मैनेजमेंट और ई-कॉमर्स मार्केटिंग जैसी सेवाएं दे रहे हैं। उनकी कंपनी आज करोड़ों का टर्नओवर कर रही है। लेकिन उनकी असली सफलता यही नहीं है।  

अब Joydeep Dutta भारत के छोटे शहरों के युवाओं, खासकर किसानों के बच्चों और बेरोजगार ग्रेजुएट्स को डिजिटल स्किल्स और फ्रीलांसिंग के ज़रिए कमाई करना सिखा रहे हैं। उनका मानना है कि अगर किसी को नौकरी नहीं मिल रही, तो उसे खुद का काम शुरू करने की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

सीख क्या मिलती है?

✅ डिग्री नहीं, स्किल्स आपके असली हथियार हैं।
✅ नौकरी नहीं मिल रही तो खुद कुछ नया शुरू करें।
✅ मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत और स्किल इंडिया जैसी योजनाओं का सही इस्तेमाल करें।

Joydeep Dutta की कहानी हर उस युवा के लिए एक सबक है जो नौकरी की तलाश में भटक रहा है। अगर आपमें लगन और मेहनत करने की ताकत है, तो कोई भी आपको सफल होने से रोक नहीं सकता!

Mahesh Kumawat महेश कुमावत मीडिया जगत में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। वे सांगरी टुडे हिंदी के साथ जुड़े हुए हैं और अपनी विश्लेषणात्मक सोच और तथ्यात्मक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी सामाजिक और समसामयिक विषयों पर गहरी पकड़ रखती है, जिससे वे पाठकों को निष्पक्ष और सटीक जानकारी प्रदान करते हैं। ? ईमेल: mahesh@hindi.sangritoday.com