फ़िल्म समीक्षा: विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित पहली वर्चुअल प्रोडक्शन में शूट की गई फ़िल्म "जुदा होके भी” हैं कमाल का सिनेमा

जुदा होके भी, के सेरा सेरा और विक्रम भट्ट के वर्चुअल वर्ल्ड द्वारा निर्मित, विश्व की पहली ऐसी फिल्म है जिसे पूरी तरह से वर्चुअल प्रोडक्शन में शूट किया गया है। इसे विक्रम भट्ट ने डायरेक्ट किया है और महेश भट्ट ने लिखा है।

Jul 17, 2022 - 12:11
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फ़िल्म समीक्षा: विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित पहली वर्चुअल प्रोडक्शन में शूट की गई फ़िल्म "जुदा होके भी” हैं कमाल का सिनेमा
विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित पहली वर्चुअल प्रोडक्शन में शूट की गई फ़िल्म "जुदा होके भी” हैं कमाल का सिनेमा

फ़िल्म समीक्षा : जुदा होके भी
कहानी : महेश भट्ट
निर्देशक : विक्रम भट्ट
कलाकार : अक्षय ओबेरॉय, ऐंद्रिता रे, मेहरजान मज़्दा
रेटिंग्स : 3.5 स्टार्स

हॉरर के बादशाह कहे जाने वाले फिल्मकार विक्रम भट्ट ने इस सप्ताह रिलीज हुई फ़िल्म जुदा होके भी” के माध्यम से एक प्यारी सी प्रेम कहानी में हॉरर का तड़का देने की सफल कोशिश की है। जुदा होके भी, के सेरा सेरा और विक्रम भट्ट के वर्चुअल वर्ल्ड द्वारा निर्मित, विश्व की पहली ऐसी फिल्म है जिसे पूरी तरह से वर्चुअल प्रोडक्शन में शूट किया गया है। इसे विक्रम भट्ट ने डायरेक्ट किया है और महेश भट्ट ने लिखा है। फ़िल्म अक्षय ओबेरॉय, ऐंद्रिता रे, मेहरजान मज़्दा के किरदारों के इर्दगिर्द घूमती है।

फ़िल्म की कहानी यह है कि कभी एक सफल गायक रहे अमन खन्ना अपने 6 साल के बेटे की एक दुर्घटना में हुई मौत के बाद अपना जीवन शराब और निराशा में डुबो देते हैं। अमन की पत्नी मीरा को एक बड़े व्यवसायी सिद्धार्थ जयवर्धन की बॉयोग्राफी लिखने का काम मिलता है और वह उत्तराखंड चली जाती है। उसके बाद वहां मीरा के साथ क्या होता है, अमन में कुछ बदलाव आता है या नहीं, इसके लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी।

फ़िल्म में कलाकारों के अभिनय की बात करें तो अमन का रोल अक्षय ओबेरॉय ने बखूबी निभाया है। कई तरह के इमोशंस को उन्होंने प्रभावी ढंग से पर्दे पर उकेरा है। मीरा के रोल मे ऐंद्रिता ने भी अपना असर छोड़ा है। सिद्धार्थ जयवर्धन की भूमिका में मेहरजान मज़्दा ने तो कमाल कर दिया है। नकारात्मक किरदार को उन्होंने बड़ी शिद्दत से निभाया है जो भूमिका याद रह जाती है। 

विक्रम भट्ट ने साइक्लोजिकल थ्रिलर फिल्म “जुदा होके भी” को कुशलता से डायरेक्ट किया है। सभी कलाकारों से शानदार अभिनय करवा लिया है। फ़िल्म का बैकग्राउंड म्युज़िक भी सब्जेक्ट और सिचुएशन के अनुसार दिया गया है। पुनीत दीक्षित के गाने फ़िल्म का प्लस पॉइंट है। गाने भी कहानी को आगे बढाते हैं और सीन्स व डायलॉग के बीच गाने को इस तरह पिरोया गया है कि देखते हुए दर्शक एक अलग सा अनुभव महसूस करते हैं।

“जुदा होके भी” की सबसे खास बात यह है कि इसे पूरी तरह से वर्चुअल प्रोडक्शन में शूट किया गया है। विजुअल और स्पेशल इफेक्ट्स के साथ नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए इसे फ़िल्माया गया है। हालांकि फिल्म में अस्पताल, ट्रेन, बड़े महल, पहाड़, प्लेटफार्म सहित बहुत तरह की लोकेशन्स दिखाई गई है मगर यह सब वर्चुअल प्रोडक्शन में फ़िल्माया गया है। के सेरा सेरा और विक्रम भट्ट  इस नई तकनीक के लिए बधाई के पात्र हैं।