ग्राम पंचायतों में बनेंगे ‘भव्य’ पार्क, फलदार पेड़, रनिंग ट्रेक, ट्यूबवैल ओपन जिम जैसी सुविधाएं होंगी विकसित -ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री

May 6, 2022 - 14:09
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ग्राम पंचायतों में बनेंगे ‘भव्य’ पार्क, फलदार पेड़, रनिंग ट्रेक,  ट्यूबवैल ओपन जिम जैसी सुविधाएं होंगी विकसित -ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री

ग्राम पंचायतों में बनेंगे ‘भव्य’ पार्क, फलदार पेड़, रनिंग ट्रेक,

 ट्यूबवैल ओपन जिम जैसी सुविधाएं होंगी विकसित

-ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री

प्रदेश की बड़ी ग्राम पंचायतों में भूमि उपलब्धता के अनुसार 10 से 15 बीघा भूमि पर भव्य पार्कोेें का निर्माण कराया जाएगा जिसमें पक्की बाउण्ड्री, 400 अथवा 800 मीटर रनिंग ट्रेक, ट्यूबवैल, ओपन जिम, छायादार एवं फलदार पेड़, लाइब्रेरी, शौचालय जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। 

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चन्द मीना ने गुरूवार को शासन सचिवालय में विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस योजना में पायलट रूप में मॉडल पार्क विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही विभाग में विभिन्न योजनाओं में जारी कार्यों की गुणवत्ता एवं समयबद्धता सुनिश्चित करने, विभागीय योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुुंचाने के सम्बन्ध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान किए।

पंचायती राज मंत्री ने बताया कि बड़ी ग्राम पंचायतों में बनाए जाने वाले पार्क स्कूलों में मनरेगा में विकसित किए जा रहे खेल मैदानों से अलग होंगे। विभिन्न जिलों में दौरे के समय युवा और बुजुर्गों द्वारा इसके लिए आग्रह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन पार्कों में ट्रेक पर युवा एथलीट प्रेक्टिस कर सकेंगे और इसके बीच बनने वाले लॉन में बुजुर्गों के लिए भी बैठने की सुविधा रहेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मॉडल पार्क के निर्माण के साथ ही इसकी समुचित सार-संभाल की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। योजना में विभिन्न योजनाओं का कन्वर्जेंस किया जाए। 

पंचायती राज मंत्री ने ग्राम पंचायत के माध्यम से सीसी ब्लॉक से निर्मित होने वाले गांधी विकास पथ के कार्य को पूरी गुणवत्ता के साथ कराने के लिए एक तकनीकी समिति के गठन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना में विधायक निधि एवं अन्य विभागीय योजनाओं के कन्वर्जेंस से कार्य कराया जाए। इसमें ड्रेनेज का कार्य स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत कराया जाए। निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाए और तकनीकी समिति इन कार्यों के साथ ही आपूर्ति किए गए सामान की गुणवत्ता की भी जांच करे। उन्होंने कुछ जिलों में जल्द ही इसका पायलट प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए।

मीना ने बैठक में सिविल इंजीनियरों के रूप में नए जूनियर टेक्नीकल इंजीनियर्स की भर्ती के लिए जल्द से जल्द वित्त विभाग से बात कर कार्यवाही प्रारम्भ करने, नई बनी 15 सौ से अधिक ग्राम पंचायतों सहित सभी ग्राम पंचायतों के कम्प्यूटराइजेशन, ग्राम पंचायतों में ग्राम विकास अधिकारी एवं कनिष्ठ लिपिक आदि के पद पर कार्मिक लगाने, गांवों में सफाई व्यवस्था के लिए सॉलिड वेस्ट नीति बनाने सहित कई निर्देश प्रदान किए। 

उन्होंने अधिक से अधिक जरूरतमंद एवं आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवारों को राजीविका से जोड़ने, इस योजना से वंचित जिलों तक योजना के प्रसार, जल्द से जल्द सरस बूथों पर राजीविका स्टोर खोलकर योजना एसएचजी को सम्बल प्रदान करने, जिला विशेष में विशेष कार्य को प्रोत्साहन की योजना में कुछ अन्य जिले शामिल करने सहित कई निर्देश प्रदान किए। 

बैठक में विभाग की प्रमुख शासन सचिव अपर्णा अरोरा, आयुक्त राजीविका मंजू राजपाल, ग्रामीण विकास सचिव के.के.पाठक, पंचायती राज सचिव नवीन जैन, पंचायती राज निदेशक ओम प्रकाश कसेरा, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन विश्व मोहन शर्मा, आयुक्त रोजगार गारण्टी योजना  शिवांगी स्वर्णकार, निदेशक वाटरशेड श्री अशीष गुप्ता एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए। 

जॉब कार्ड का करें अपडेशन

पंचायती राज मंत्री ने निर्देश दिए कि नरेगा कार्यों के दौरान सभी कर्मचरियों के पास जॉब कार्ड का होना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही पुराने होकर फट चुके जॉब कार्डों का अपडेशन किया जाए एवं गलत बने जॉब कार्डों को निरस्त किया जाए। उन्होंने इसके लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। 

अच्छा कार्य करने वाले होंगे सम्मानित

मीना ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग एक ग्रास रूट से जुड़ा विभाग है। इस विभाग में गुणवत्तापूर्ण कार्य से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा सकता है। ऐसे कार्मिक जो विभाग में अच्छा काम कर पहचान बनाएंगे, उन्हें विभाग द्वारा पंचायती राज दिवस अथवा 2 अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा। 

जिला एवं राज्य स्तर पर गुणवत्ता जांच सैल

पंचायती राज मंत्री ने अधिकारियों को जिला एवं राज्य स्तर पर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांचने के लिए एक सैल गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बिना गुणवत्ता कार्याें का कोई अर्थ नहीं है। इसके लिए नियमित जांचों के साथ औचक निरीक्षण का एक सिस्टम बनाया जाए। एक जिले के निर्माण कार्यों की जांच अन्य जिलों या राज्य स्तरीय टीम से कराई जा सकेगी।