बाड़मेर : टाइम टेबल से डगमगाई रेलगाड़ियाँ घाटे का सौदा,यात्रियों में भारी रोष
सरहदों पर सुरक्षा में तैनात जवानों द्वारा कन्याकुमारी से बाड़मेर वाया कोकेन रेलगाड़ियाँ की मांग

बाड़मेर. बाड़मेर रेल्वे स्टेशन पर बहुत सारी रेलगाड़ियाँ खडी़ देखकर ऐसा लगता है कि विश्व पटल पर विख्यात आधुनिक युग वाले बाड़मेर जिले से पूरे देश के लिए यहाँ पर रेलगाड़ियाँ मौजूद है लेकिन रेल्वे खिड़की पर जाकर बाड़मेर से दक्षिण भारतीय क्षेत्रों के लिए रेलगाड़ियों की पूछताछ करने पर वही घिसा पिटा जवाब मिलेगा की आप जोधपुर या फिर अहमदाबाद जाकर आगे की रेलगाड़ियाँ पकड़ सकते हैं। बाड़मेर जिले में दो तीन दशकों से अपार सफलता के साथ ही धनकुबेरों के लिए काला सोना निकलता है और इस काले सोने से देश की अर्थव्यवस्थाओं में सहायक बाड़मेर जिले की अटूट खनिज सम्पदा से ही शानदार रेवन्यू मिलता है लेकिन यहाँ पर कामकाज करने वाले ज्यादातर दक्षिण भारतीय क्षेत्र के लोगों को आने जाने के दौरान सिर्फ धक्के खाने से ज्यादा कुछ नहीं मिलता है कारण रेलगाड़ियाँ और हवाई सफर करने वाले साधनों का भारी अभाव देखा जा सकता है।
गडरा रोड़ के शेखर भूतड़ा बताते हैं कि पहले मुनाबाव से जोधपुर तक रेलगाड़ी का सीधा सम्पर्क था नेताओं की नज़र लगने के कारण लोगों को चार पाच घंटे तक बाड़मेर रेल्वे स्टेशन पर पड़ा रहते है इतने समय में पहले रेलगाड़ी जोधपुर पहुँच जाती थी। मुनाबाव से रेलगाड़ी द्वारा जोधपुर जाने के लिए साधारण रेलगाड़ी बाड़मेर से दोपहर बारह बजे चला करतीं थी लेकिन अभी मुनाबाव रेलगाड़ी बाड़मेर साढ़े बारह बजे पहुंचती है और बारह बजे ही जोधपुर जाने वाली रेलगाड़ी बाड़मेर से नौ दो ग्यारह हो जाती है और मुनाबाव से आने वाले यात्रियों द्वारा वो गईं कर ओ गईं रेलगाड़ी जोधपुर..... ❓
बाड़मेर रेल्वे स्टेशन के बाहर मिले भाजपा प्रवक्ता रमेश सिहं इन्दा ने बताया कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त रेल्वे स्टेशन पर बहुत जल्दी ही बाड़मेर से अहमदाबाद, मुम्बई प्रतिदिन रेलगाड़ी सहित वन्दे भारत एक्स्प्रेस रेलगाड़ी जयपुर और बाड़मेर जिला मुख्यालय पर शुरू करेंगे और देश के अन्य राज्यों से बाड़मेर जिले के लिए हमारे देश की सरहदों पर सुरक्षा व्यवस्थाओं में तैनात भारतीय सेना के जवानों और प्रवासियों के लिए कन्याकुमारी से बाड़मेर वाया कोकेन रेल्वे रेलगाड़ी सहित एक दर्जन से ज्यादा रेलगाड़ियों को शुरू करवाने की कोशिश कर रहें हैं।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के् सलाहकार समिति के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार राजू चारण बाड़मेर ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा रेल्वे मन्त्रालय राजस्थान में विधानसभा चुनावों को देखकर राज्य में तीन चार वंदेभारत रेलगाड़ियाँ को बडे़ बडे़ नेताओं से हरी झंडिया दिखाकर पटरियों पर रेलगाड़ियाँ दौड़ाकर वाहवाही जरूर बटोर रहा है। दूसरी ओर राज्य के यात्रियों का वन्दे भारत रेलगाड़ियाँ से इनका मोहभंग होता जा रहा है। स्थिति ये है कि लग्जरी सुविधाओं से भरपूर और सेमी हाईस्पीड वन्दे भारत रेलगाड़ियाँ होने के बावजूद भी यात्री इनकी बजाय नियमित दौड़ रही अन्य सुपरफास्ट, एक्सप्रेस रेलगाड़ियाँ में ही सफर करने में रूचि दिखा रहे हैं। इनमें ज्यादातर रेलगाड़ियाँ में इन दिनों पांव रखने की भी जगह नहीं मिल रही है और वंदेभारत रेलगाड़ियों से रेलवे को भी लाखों करोड़ों रुपये का नुकसान मजबूरन झेलना पड़ रहा है।
दरअसल, उत्तर पश्चिम रेलवे में अजमेर से दिल्ली कैंट वाया जयपुर, उदयपुर से जयपुर और जोधपुर से साबरमती के बीच वंदेभारत भारत रेलगाड़ियाँ का संचालन हो रहा है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इन ट्रेनों की ऑक्यूपेंसी की बात करे तो, अजमेर से दिल्ली कैंट के बीच दौड़ रही वंदेभारत रेलगाड़ी में शुरुआत में पचास पचपन फीसदी तक ऑक्यूपेंसी थी, जो बढ़कर पचहत्तर तक ही पहुंची है। ये आंकड़ा भी शनिवार-रविवार को ही यहां तक पहुंचता है। जबकि अन्य दिनों में ऑक्यूपेंसी साठ फीसदी तक ही रहती है। इसके अलावा जोधपुर से साबरमती अहमदाबाद के बीच संचालित हो रही वंदेभारत रेलगाड़ी में भी ऑक्यूपेंसी पचपन फीसदी तक ही रहती है। हाल हीं में उदयपुर से जयपुर के बीच हुई वंदेभारत रेलगाड़ी में भी यही हाल है। तीनों वंदेभारत रेलगाड़ियाँ में ऑक्यूपेंसी कम होने से रेलवे को जानबूझकर लाखों करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है।