राष्ट्र निर्माण के लिए ‘एक सबके लिए, सब एक के लिए’ के सिद्धांत पर चलें सभी समाज- राज्यपाल
‘राष्ट्र निर्माण में समाज का योगदान’ विषय पर अधिवेशन
राष्ट्र निर्माण के लिए ‘एक सबके लिए, सब एक के लिए’ के सिद्धांत पर चलें सभी समाज- राज्यपाल
राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश के सभी समाजों से ‘एक सबके लिए, सब एक के लिए’ के सिद्धांत पर चलते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सभी समाज यदि एक-दूसरे का सहयोग करेंगे तो आर्थिक विषमताओं, वैमनस्यता सहित तमाम समस्याओं का समाधान अपने आप ही हो जाएगा।
राज्यपाल मिश्र शनिवार को यहां बिड़ला सभागार में चित्रगुप्त जयंती के उपलक्ष में कायस्थ जनरल सभा द्वारा आयोजित ‘राष्ट्र निर्माण में समाज का योगदान’ विषयक अधिवेशन में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मानवता के मूल्यों में विश्वास रखते हुए राष्ट्र के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य करने में ही किसी भी समाज की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि हमारे संवैधानिक मूल्यों में जाति, धर्म, वर्ग से परे समानता को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गयी है, इसलिए सभी के हितों का ध्यान रखते हुए राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित होकर कार्य करना ही हमारी प्राथमिकता होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि जिस प्रकार मां का दूध संतान के लिए आवश्यक होता है, उसी प्रकार संस्कृति और संस्कार समाज को सुदृढ़ बनाने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि वही समाज निरंतर विकास की ओर अग्रसर होता है, जो उदात्त जीवन मूल्यों और मानव मात्र के कल्याण के लिए कार्य करने की सोच से जुड़ा होता है। उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रवाद ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की उदार दृष्टि पर आधारित है। इसलिए हरेक समाज का भी ध्येय यही होना चाहिए कि वह केवल अपने लिए नहीं मनुष्य मात्र के कल्याण के लिए कार्य करे। उन्होंने कहा कि सभी समाज संगठित रूप में मिलकर यदि राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करें तो भारत फिर से विश्वगुरु बन सकता है।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में कायस्थ समाज ही नहीं बल्कि सभी समाज के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के मेल-जोल से ही समाज सशक्त बनता है। उन्होंने अपने सम्बोधन में स्वामी विवेकानन्द, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण, महर्षि महेश योगी जैसी महान विभूतियों के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि इन महापुरुषों पर पूरे देश को गर्व है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने अपने संबोधन में समाज में भाईचारा और सौहाद्र्र बनाए रखने के लिए सार्थक भूमिका निभाने का सभी से आह्वान किया।
पूर्व राज्यसभा सदस्य आर.के. सिन्हा, कायस्थ जनरल सभा के कार्यकारी अध्यक्ष अवध बिहारी माथुर, केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक एनसी अस्थाना, प्रख्यात आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया ने भी अधिवेशन में अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया। राज्यपाल ने विभिन्न समाजों के संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध संत-महंत सहित गणमान्यजन एवं समाज बंधु उपस्थित रहे।