कोविड सहायकों की मांग जायज, संघर्ष है, लेकिन न्याय मिलेगा- हरीश चौधरी
जयपुर/बाड़मेर। पूर्व कैबिनेट मंत्री व पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी बुधवार को जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर कोविड स्वास्थ्य सहायकों (CHA) द्वार दिए जा रहे धरने में पहुँचकर उनकी जायज माँगो पर उन्होंने अपना समर्थन देकर उनके हक़ की इस लड़ाई में मजबूती से उनके साथ खड़े रहने का विश्वास दिलाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही इस सम्बंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे।
साथ ही अपने नाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कोविड काल में अपनी जान की परवाह क़िये बिना आमजन की सेवा में समर्पित रहे कोविड स्वास्थ्य सहायकों की माँगो पर पुनर्विचार कर उनके हित में निर्णय लेने की माँग की। इससे पहले करीब आधा घंटा हरीश चौधरी धरना दे रहे सीएचए (Covid Health Assistant) के बीच ही बैठे कर पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। इस दौरान कोविड सहायक लगातार नारेबाजी करते रहे।
धरने को अपना समर्थन देने पहुंचे पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि जब कोरोना वैश्विक महामारी ने पूरे विश्व को अपनी जद में लिया तो राजस्थान में भी चिकित्सा क्षेत्र की जरूरतों को देखते हुए सरकार ने संविदा पर सीएचए को लगाया। अब इन्हें हटा दिया गया है, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर हम मानते हैं कि इनकी मांग जायज है।
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि कोरोना स्वास्थ्य सहायकों की मांग को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात की है और अधिकारियों के भी वह संपर्क में हैं। हरीश चौधरी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इन्हें न्याय मिलेगा, क्योंकि इनकी मांग सही है। हरीश चौधरी ने कहा कि इन्हें संघर्ष जरूर लंबा करना पड़ रहा है, लेकिन अंत में जीत इन्हीं की होगी। चौधरी ने कहा, क्योंकि फैसला लेने में कई विभागों को मिलकर काम करना होगा और जब संविदा पर लगाए हुए लोगों को परमानेंट किया जाता है तो उसमें कई कानूनी अड़चनें भी आती हैं। इस बार यह अड़चन नहीं आए, इसी सोच के साथ मुख्यमंत्री फैसला करना चाहते हैं और यही कारण है कि सीएचए की मांगें पूरा करने में समय लग रहा है। लेकिन फैसला इनके पक्ष में ही होगा।