नूपुर शर्मा के समर्थन पर अमरावती में टारगेट किलिंग: उदयपुर से 740 KM दूर कन्हैया जैसी वारदात, जांच के लिए NIA टीम पहुंची

सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र ATS इस मामले की जांच आतंकी एंगल से कर रही थी, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने का निर्देश दिया है। जांच के लिए NIA की टीम अमरावती पहुंच गई है।

Sat, 02 Jul 2022 08:07 PM (IST)
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नूपुर शर्मा के समर्थन पर अमरावती में टारगेट किलिंग: उदयपुर से 740 KM दूर कन्हैया जैसी वारदात, जांच के लिए NIA टीम पहुंची
नूपुर शर्मा के समर्थन पर अमरावती में टारगेट किलिंग: उदयपुर से 740 KM दूर कन्हैया जैसी वारदात, जांच के लिए NIA टीम पहुंची

मुंबई-उदयपुर में जिस तरह से टेलर कन्हैयालाल की बर्बरता से हत्या हुई है, ठीक उसी तरह की वारदात 21 जून को उदयपुर से 740 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के अमरावती में भी हुई थी। यह दावा स्थानीय भाजपा नेताओं की ओर से किया जा रहा है कि अमरावती में उमेश कोल्हे नाम के दवा व्यापारी ने फेसबुक पर निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट लिखी थी, जिसके स्क्रीनशॉट को कुछ अन्य संदिग्ध ग्रुप में वायरल कर दिया गया। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।

सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र ATS इस मामले की जांच आतंकी एंगल से कर रही थी, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने का निर्देश दिया है। जांच के लिए NIA की टीम अमरावती पहुंच गई है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसे एक NGO संचालक ने उमेश को मारने के लिए कहा था। उमेश को मारने के लिए दो टीमें लगाई गई थीं। एक टीम को फोन करके उमेश के कॉलेज के पास पहुंचने की पुष्टि की गई और फिर उन पर हमला हुआ। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, यहां बीच सड़क पर मेडिकल शॉप के संचालक उमेश प्रहलाद कोल्हे (54) को गर्दन पर चाकू से वार कर तीन लोगों ने मौत के घाट उतार दिया।


घात लगाकर बैठे थे आरोपी
मामले की जांच कर रहे सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन के अधिकारी अर्जन ठोसरे ने बताया कि यह वारदात मंगलवार 21 जून की रात 10 बजे हुई थी। आरोपियों ने घनश्याम नगर में रहने वाले 'द अमित मेडिकल' के संचालक उमेश प्रल्हादराव कोल्हे की चाकू मारकर कर हत्या की थी। उनके गले पर तेज वार किया गया था। तीनों आरोपी घंटाघर हनुमान मंदिर की गली में नूतन कॉलेज के गेट के पास घात लगाकर बैठे थे और जैसे ही उमेश वहां पहुंचे आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया।

बेटा न होता तो गर्दन काट सकते थे आरोपी


उमेश के बेटे संकेत ने बताया, 'यह घटना जब हुई तो मैं पिता से 15 मीटर की दूरी पर अपनी पत्नी के साथ था। वे तीन लोग थे, अचानक बाइक से उतरे और पिताजी के गले के नीचे हमला कर दिया। वे और प्रहार करना चाहते थे, लेकिन मैं नजदीक था और उन्हें बचाने के लिए दौड़ा, मुझे वहां आता देख आरोपी बाइक पर बैठकर भाग गए।'

क्या यह उदयपुर जैसा कांड हो सकता है? इस पर बेटे ने कहा कि हम अभी किसी भी संभावना को नहीं बता सकते, क्योंकि जांच अभी जारी है। संकेत ने यह भी पुष्टि की है कि NIA के अधिकारी इस जांच के लिए अमरावती पहुंचे हैं। हालांकि, अब तक वे परिवार से मिलने नहीं आए हैं।

उदयपुर की घटना के बाद बेटे को सुरक्षा की चिंता
बेटे संकेत का कहना है कि इस घटना के बाद उसने मदद की आवाज लगाई और लेकिन हमलावर फरार हो चुके थे। आसपास के कुछ लोगों की मदद से उमेश को पास के ही एक्सॉन अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई। उदयपुर की घटना के बाद अब हमें अपनी सिक्योरिटी की चिंता भी है, लेकिन हमें अमरावती पुलिस पर पूरा भरोसा है।'

पिता ने नूपुर शर्मा के समर्थन में क्या कोई पोस्ट किया था, इस पर संकेत ने कहा कि मैंने उनका फोन कभी चेक नहीं किया।

पुलिस ने उदयपुर जैसी घटना से इनकार नहीं किया
पुलिस इंस्पेक्टर अर्जन ने आगे बताया, 'हमने अब तक इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड, छठवां व्यक्ति अभी तक गिरफ्त से बाहर है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही यह पुष्टि होगी कि इसके पीछे का असली मकसद क्या है?

रहा आपका सवाल कि क्या यह उदयपुर जैसा मामला हो सकता है? तो हम किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं। हमारी जांच इस एंगल पर जारी है और हम जल्दबाजी में किसी निर्णय पर नहीं पहुंचना चाहते हैं।'

मास्टरमाइंड को छोड़ 5 आरोपी गिरफ्तार
उमेश के बेटे संकेत कोल्हे की तरफ से दर्ज शिकायत के बाद कोतवाली पुलिस ने जांच के आधार पर मामले में दो लोगों- मुदस्सिर अहमद (22) और शाहरुख पठान (25) को 22 जून को गिरफ्तार किया। दोनों से पूछताछ के बाद सामने आया कि उमेश की हत्या में चार और लोग शामिल थे। इनमें अब्दुल तौफिक (24), शोएब खान (22), आतिब रशीद (22) और शमीम फिरोज अहमद शामिल रहे।

शमीम को छोड़कर बाकी सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। शमीम ही इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

न आपराधिक इतिहास, न कोई दुश्मनी
इस मामले पर सबसे पहले संदेह जताने वाले स्थानीय बीजेपी नेता शिवराय कुलकर्णी ने बताया कि एक लूट के लिए पहले 6 लोग रेकी नहीं करेंगे। वे पहले से घात लगाकर अंधेरे में नहीं बैठेंगे। वे अगर लूट के इरादे से आए थे तो उनका बैग छीन कर आसानी से भाग सकते थे, लेकिन जिस तरह से उन्होंने हमला किया है वह साबित करता है कि उनका इरादा कुछ और ही था।

जो भी 5-6 लोग पकड़े गए हैं वे कोई हिस्ट्रीशीटर नहीं हैं। पूर्व में उन पर कोई अपराध दर्ज नहीं है। न ही उमेश संग उनकी कोई दुश्मनी थी। ऐसे में यह साफ साबित होता है कि इस हत्याकांड के पीछे कुछ और ही वजह है। हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि हत्या के पीछे की असली वजह सामने आए और ऐसे और मामले होने से रोका जा सके। इसलिए हमने इस केस में एनआईए से संपर्क साधा है।' उनकी टीम के आज अमरावती पहुंचने की पुष्टि भी शिवराय ने की है।

अमरावती में कई परिवारों को धमकी
उदयपुर कांड के बाद से संकेत समेत उनके सभी रिश्तेदार डरे हुए हैं। उनका कहना है कि इस मामले में जल्द असली सच्चाई सामने आनी चाहिए और पुलिस को आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। बीजेपी नेता कुलकर्णी ने बताया कि उमेश से पहले भी जिन तीन-चार लोगों ने नूपुर शर्मा के सपोर्ट में पोस्ट डाली उन्हें भी धमकाया गया। डर के कारण उन्हें माफी मांगनी पड़ी और माफी का वीडियो भी डालना पड़ा। ऐसे माहौल के बीच उमेश की जान जाना संदेह पैदा करता है कि इसके पीछे कोई खेल है।
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