गांव से गिनीज रिकॉर्ड तक: संदीप चौधरी का हरित भारत का सपना
गांव से शुरू कर ग्लोबल ग्रीन आइकन बने संदीप, 3000 करोड़ पेड़ लगाने की मुहिम में जुटे

राजस्थान के गुड़ा गोडजी गांव से निकलकर वैश्विक पर्यावरण योद्धा बनने वाले संदीप चौधरी की कहानी संघर्ष, उम्मीद और सफलता की मिसाल है। एक साधारण किसान परिवार में जन्मे संदीप ने न केवल अपनी जिंदगी बदली, बल्कि लाखों लोगों को हरियाली की दिशा में प्रेरित कर रहे हैं।
साल 2007 में जयपुर के सिटी सेंटर स्थित एक छोटे से ऑफिस से उन्होंने डिजिटल स्टार्टअप शुरू किया। अंतरराष्ट्रीय क्लाइंट्स से पेमेंट के लिए वे PayPal का इस्तेमाल करते थे, लेकिन एक दिन अचानक पेमेंट रुकने से उनका पूरा बिजनेस ठप हो गया। ऑफिस छोड़ना पड़ा और जीवन एक बार फिर संघर्ष के मोड़ पर आ गया।
2008 तक स्थिति और बिगड़ गई। वे सिविल लाइंस में किराए के छोटे से कमरे में रहने को मजबूर हुए। परिवार का दबाव बढ़ता गया। पिता ने कहा – “अगर घर नहीं चला सकते तो गांव लौट आओ, सिलाई-कढ़ाई करो और सपने देखना छोड़ दो।”
तभी Google AdSense से एक मामूली रकम का चेक आया। वह रकम भले ही बड़ी न थी, लेकिन उस समय की सबसे बड़ी ज़रूरत थी। संदीप कहते हैं, “PayPal ने गिराया, Google ने संभाला।” यही वो पल था जिसने उन्हें दोबारा खड़े होने की ताकत दी।
उसके बाद संदीप ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पर्यावरण और जलवायु संकट को देखते हुए उन्होंने Save Earth Mission की शुरुआत की, जिसके वे आज इंडिया चैप्टर के प्रेसिडेंट हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर सिर्फ एक घंटे में 5 लाख से अधिक पेड़ लगाकर गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
उनकी मुहिम “एक पेड़ मां के नाम” आज राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुकी है। इस मिशन के तहत वे भारत में 3000 करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लेकर चल रहे हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति को अपनी मां के नाम पर एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध हवा और हरियाली मिल सके।
आज संदीप चौधरी न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर के लिए एक प्रेरणा बन चुके हैं। उन्हें Forbes, TEDx, Reuters और Business Insider जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर आमंत्रित किया जाता है, जहां वे अपनी यात्रा और पृथ्वी को बचाने की पहल साझा करते हैं।
वे कहते हैं:
“एलन मस्क मंगल पर जाने का सपना देखता है,
मैं धरती को ठीक करने का सपना जी रहा हूं।”
आज जब पूरी दुनिया पर्यावरण संकट और ग्लोबल वॉर्मिंग से जूझ रही है, ऐसे में संदीप जैसे जलवायु योद्धा न केवल प्रकृति की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि भारत को एक हरित और स्वच्छ राष्ट्र बनाने की दिशा में क्रांति ला रहे हैं।