बी प्राक से लेकर स्टेबिन बेन तक, जानिए वर्ल्ड म्यूज़िक डे पर संगीत के प्रति उनका नजरिया

बी प्राक, जुबिन नौटियाल, जोनिता गांधी, स्टेबिन बेन और अन्य कलाकारों ने वर्ल्ड म्यूज़िक डे पर साझा किए अपने दिल के सबसे खास जज़्बात — जानिए संगीत उनके जीवन में क्या मायने रखता है।

Jun 21, 2025 - 01:42
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बी प्राक से लेकर स्टेबिन बेन तक, जानिए वर्ल्ड म्यूज़िक डे पर संगीत के प्रति उनका नजरिया
बी प्राक से लेकर स्टेबिन बेन तक, जानिए वर्ल्ड म्यूज़िक डे पर संगीत के प्रति उनका नजरिया

21 जून, 2025 को वर्ल्ड म्यूज़िक डे के विशेष अवसर पर भारत के कुछ सबसे प्रतिभाशाली और लोकप्रिय संगीत कलाकारों ने संगीत के प्रति अपने गहरे जुड़ाव और इसके महत्व को साझा किया। बी प्राक, जुबिन नौटियाल, शिल्पा राव, जोनिता गांधी, स्टेबिन बेन, शाल्मली खोलगड़े और कुशाग्र जैसे कलाकारों ने बताया कि संगीत उनके लिए सिर्फ एक कला या पेशा नहीं, बल्कि उनकी आत्मा, भावनाओं और जीवन का अभिन्न हिस्सा है। इन कलाकारों की आवाज़ और उनके विचार संगीत की उस शक्ति को दर्शाते हैं, जो न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि लोगों को जोड़ती है, प्रेरित करती है और जीवन को अर्थ देती है।

बी प्राक: “संगीत मेरी जीवनरेखा है”

प्रसिद्ध गायक और संगीतकार बी प्राक के लिए संगीत केवल ध्वनियों का मेल नहीं, बल्कि उनकी आत्मा की अभिव्यक्ति है। वे कहते हैं, “हर गीत में मेरी सच्चाई, मेरी भावनाएं और मेरी ज़िंदगी की कहानी छिपी होती है। चाहे सुख हो या दुख, संगीत मेरा हमसफ़र रहा है। मैं इस अनमोल उपहार के लिए हर दिन आभारी हूं।” बी प्राक की आवाज़ में जो गहराई है, वह उनके गीतों को हर दिल तक पहुंचाती है।

जुबिन नौटियाल: “संगीत मेरी ऑक्सीजन है”

पहाड़ों की सैर से निकली जुबिन नौटियाल की आवाज़ हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। वे कहते हैं, “जब ज़िंदगी उलझनों में फंस जाती है, तब संगीत मुझे सुकून देता है। यह मेरे विचारों को स्वर देता है, जब शब्द कम पड़ जाते हैं। चाहे स्टेज हो या पहाड़ों की वादियां, संगीत मेरे भीतर की भावनाओं को व्यक्त करने का सच्चा माध्यम है।” जुबिन का मानना है कि संगीत उनका असली संसार है।

शिल्पा राव: “संगीत मेरी शरण है”

शिल्पा राव के लिए संगीत वह जगह है, जहां वे खुद को पूरी तरह समझ पाती हैं। वे कहती हैं, “संगीत ने मुझे न केवल लोगों और अनुभवों से जोड़ा, बल्कि मेरे भीतर की गहराइयों को भी उजागर किया। हर गीत में कहानियां और यादें होती हैं, जो मेरे साथ हमेशा रहती हैं।” शिल्पा की आवाज़ में वह जादू है, जो सुनने वालों को एक अलग दुनिया में ले जाता है।

जोनिता गांधी: “हर सुर मेरी पहचान का हिस्सा है”

जोनिता गांधी संगीत को अपनी जड़ों और सपनों के बीच का सेतु मानती हैं। वे कहती हैं, “जब कोई मेरा गाना सुनकर भावुक होता है या उसमें अपनी कहानी पाता है, तो वह मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार होता है। संगीत के ज़रिए बनने वाला यह भावनात्मक कनेक्शन अनमोल है।” जोनिता की आवाज़ में विविधता और गहराई संगीत की शक्ति को दर्शाती है।

स्टेबिन बेन: “संगीत मेरा सच्चा प्यार है”

स्टेबिन बेन का मानना है कि लोग अपनी ज़िंदगी के हर खास पल को किसी न किसी गाने से जोड़ते हैं। वे कहते हैं, “जब मेरी आवाज़ किसी की यादों या जज़्बातों का हिस्सा बनती है, तो मुझे लगता है कि मैंने कुछ सार्थक किया है। संगीत के ज़रिए मैं लोगों को प्रेम और भावनाएं लौटाता हूं।” उनकी रोमांटिक गायकी हर दिल को छू लेती है।

शाल्मली खोलगड़े: “संगीत ने मुझे निडर बनाया”

शाल्मली खोलगड़े के लिए संगीत एक ऐसी शक्ति है, जिसने उन्हें हर भावना को अपनाना सिखाया। वे कहती हैं, “संगीत ने मुझे हंसी, विद्रोह और आत्मचिंतन का साहस दिया। यह मेरी निरंतर यात्रा है, और वर्ल्ड म्यूज़िक डे इस यात्रा को सेलिब्रेट करने का मौका है।” उनकी ऊर्जावान आवाज़ संगीत की विविधता को दर्शाती है।

कुशाग्र: “संगीत मेरी आत्मा की भाषा है”

युवा गायक कुशाग्र के लिए संगीत वह माध्यम है, जो शब्दों से परे जाता है। वे कहते हैं, “संगीत में मैं वह सब कह पाता हूं, जो शब्दों में व्यक्त नहीं हो सकता। यह बेहद व्यक्तिगत और शक्तिशाली है। मेरा सपना है कि मेरी आवाज़ किसी के दिल को छू सके।” कुशाग्र की ताज़ा आवाज़ भविष्य की उम्मीद जगाती है।

वर्ल्ड म्यूज़िक डे पर ये कलाकार संगीत की उस ताकत का जश्न मना रहे हैं, जो न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि लोगों को एक-दूसरे से जोड़ती है और जीवन को और भी खूबसूरत बनाती है।

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