व्हाट्सऐप फेक डीपी फ्रॉड(Fake DP Fraud) : फर्जी पहचान और प्रोफाइल का इस्तेमाल कर ठगी के बढ़ते मामले, जानें बचाव के उपाय

इन दिनों साइबर अपराधी फर्जी पहचान और प्रोफाइल फोटो का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं।

Fri, 15 Nov 2024 04:52 PM (IST)
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व्हाट्सऐप फेक डीपी फ्रॉड(Fake DP Fraud) : फर्जी पहचान और प्रोफाइल का इस्तेमाल कर ठगी के बढ़ते मामले, जानें बचाव के उपाय
व्हाट्सऐप फेक डीपी फ्रॉड(Fake DP Fraud) : फर्जी पहचान और प्रोफाइल का इस्तेमाल कर ठगी के बढ़ते मामले, जानें बचाव के उपाय

डिजिटल युग में तकनीक जितनी तेज़ी से बढ़ी है, उतनी ही तेज़ी से साइबर ठगी के मामले भी बढ़े हैं। इन दिनों साइबर अपराधी फर्जी पहचान और प्रोफाइल फोटो का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ठग किसी असली व्यक्ति की पहचान चुराकर या फर्जी प्रोफाइल बनाकर इमरजेंसी का बहाना करते हुए पैसे मांगते हैं। इस प्रकार की धोखाधड़ी आम लोगों के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है।

कैसे होती है फर्जी पहचान का इस्तेमाल?

साइबर ठग फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित करते हैं और धोखाधड़ी का जाल बुनते हैं। इसके तहत वे निम्नलिखित तरीकों का सहारा लेते हैं:

  1. पहचान की चोरी: ठग किसी असली व्यक्ति का नाम और फोटो चुराकर उनके दोस्तों, रिश्तेदारों या सहकर्मियों को मैसेज भेजते हैं। यह व्यक्ति कोई जान-पहचान वाला हो सकता है, जिससे भरोसा आसानी से किया जा सके।

  2. इमरजेंसी का बहाना: फर्जी प्रोफाइल से ठग अपने शिकार को बताते हैं कि वे किसी बड़ी परेशानी में हैं, जैसे कि दुर्घटना, बीमारी, या किसी अन्य इमरजेंसी में फंसे हैं। ऐसे में लोग बिना सोचे-समझे उनकी मदद के लिए पैसे भेज देते हैं।

  3. ओटीपी और संवेदनशील जानकारी: ठग लोगों से ओटीपी, बैंक डिटेल्स या अन्य संवेदनशील जानकारी मांगते हैं और बाद में इसका गलत इस्तेमाल करते हैं।

  4. फिशिंग लिंक का उपयोग: फर्जी प्रोफाइल से ठग फिशिंग लिंक साझा करते हैं। इन लिंक पर क्लिक करने से शिकार की व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो सकती है, जिसका इस्तेमाल साइबर अपराधी आगे की धोखाधड़ी के लिए करते हैं।

फर्जी पहचान की मदद से साइबर ठगी के खतरनाक परिणाम

  • वित्तीय नुकसान: लोग ठगों के झांसे में आकर पैसे भेज देते हैं, जिससे उनका आर्थिक नुकसान होता है।
  • मानसिक तनाव: ठगी के शिकार व्यक्ति को मानसिक तनाव और शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है।
  • गोपनीयता का उल्लंघन: फिशिंग और संवेदनशील जानकारी चोरी के जरिए लोगों की गोपनीयता खतरे में पड़ जाती है।

साइबर ठगी से बचाव के उपाय

  1. पहचान की पुष्टि करें: यदि कोई व्यक्ति पैसे या संवेदनशील जानकारी मांग रहा है, तो उसकी पहचान को वेरिफाई करें। संबंधित व्यक्ति को फोन करके स्थिति की पुष्टि करें।

  2. प्रोफाइल को सुरक्षित बनाएं: व्हाट्सऐप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी प्रोफाइल फोटो और स्टेटस को केवल 'माय कॉन्टैक्ट्स' के लिए सेट करें। इससे अजनबी लोग आपकी जानकारी का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे।

  3. संदिग्ध लिंक से बचें: यदि कोई अनजान स्रोत से मैसेज या लिंक प्राप्त होता है, तो उस पर क्लिक न करें।

  4. रिपोर्ट करें: व्हाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी प्रोफाइल को रिपोर्ट करें। यह ठगों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करता है।

ठगी होने पर क्या करें?

यदि आप साइबर ठगी का शिकार होते हैं, तो तुरंत निम्नलिखित कदम उठाएं:

  1. साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करें: 1930 पर कॉल करें और घटना की जानकारी दें।

  2. ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें: www.cybercrime.gov.in पर लॉगिन करें और अपनी शिकायत दर्ज करें।

  3. स्थानीय थाना या साइबर सेल से संपर्क करें: अपने नजदीकी थाना या साइबर सेल में जाकर शिकायत दर्ज कराएं।

साइबर अपराध रोकने में सभी की भूमिका

साइबर ठगी से बचने के लिए हमें सतर्क और जागरूक रहना होगा। डिजिटल सुरक्षा के प्रति अपनी समझ बढ़ाने के साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करना जरूरी है। सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन आम लोगों की सतर्कता सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए अपनी डिजिटल जानकारी को सुरक्षित रखना और हर संदिग्ध गतिविधि की सूचना संबंधित अधिकारियों को देना बेहद जरूरी है। केवल जागरूकता और सावधानी ही साइबर ठगी के जाल से बचा सकती है।

Narsi G kilak Cyber Expert | Nagaur