वंदे मीडिया का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'डॉक्टर जी' सुर्खियों , फ़िल्म निर्माण की तैयारी पूरी
मीडिया के गलियारों में वंदे मीडिया प्राइवेट लिमिटेड चर्चा का विषय बनी हुई है। यह कंपनी आर एस एस से सम्बद्ध है और अपने अगले बड़े और बेहद खास प्रोजेक्ट को लेकर इन दिनों चर्चा में है।

आरएसएस संस्थापक हेडगेवार के जीवन से प्रेरित वंदे मीडिया की "डॉक्टर जी" शूटिंग शीघ्र
हैदराबाद (प्राचीन नाम : भाग्यनगर) में मीडिया के गलियारों में वंदे मीडिया प्राइवेट लिमिटेड चर्चा का विषय बनी हुई है। यह कंपनी आर एस एस से सम्बद्ध है और अपने अगले बड़े और बेहद खास प्रोजेक्ट को लेकर इन दिनों चर्चा में है। सूत्रों के अनुसार हैदराबाद स्थित यह कंपनी पिछले 2 वर्षों से प्रो- भारत कहानियों की एक शृंखला पर काम कर रही है। और इसी शृंखला में से कुछ बेहद खास और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर प्री-प्रोडक्शन का कार्य भी शुरू हो चुका है।
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में अच्छी पकड़ रखने वाले वंदे मीडिया के सीईओ नरेश दुदानी ने इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए सभी पहलुओं और बारीकियों पर काम करना शुरू कर दिया है। खबरों के अनुसार स्टोरी राइटिंग और कलाकारों का चयन भी शुरू हो चुका है। फिल्म लेखन के मुख्य प्रेरणास्रोत और सलाहकार बॉक्स ऑफिस पर कमाई का रिकार्ड बनाने वाली फिल्म 'बाहुबली' के लेखक वी. विजयेंद्र प्रसाद है। अनुमान लगाया जा सकता है कि वंदे मीडिया का यह प्रोजेक्ट बेहद रोचक होने वाला है।
दुदानी और उनकी टीम डॉ हेडगेवार की कहानी को उसकी मौलिकता खोए बगैर एक रोचक फिल्म का रूप देने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि पूरे देश और समाज को विश्व के सबसे बड़े संगठन - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नीव रखने वाले डॉ हेडगेवार के साहस, समर्पण और बलिदान को जानने के हक है। उगाडी पर्व और उनकी जयंती के अवसर पर उनकी कहानी दुनिया के सामने लाने के लिए वंदे मीडिया का यह प्रयास देश और विश्व भर के हिंदुओं को डॉ हेडगेवार के सेवा भाव और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना से प्रेरित करना है।
डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जिन्हे प्यार से डॉक्टर जी कह कर बुलाया जाता था, उनका जन्म 1 अप्रैल, 1889 को नागपुर में हुआ था। उनका परिवार निजामाबाद (प्राचीन नाम - इंदुरु) जिले के कंदाकुर्थी गाँव में निवास करता था, जो हैदराबाद के निज़ाम के शासन के अधीन था। लेकिन निजाम के क्रूर शासन से तंग आकार उनका परिवार नागपुर में आकर रहने लगा। एक साधारण ब्राह्मण परिवार में जन्में डॉ हेडगेवार के माता-पिता, बलिराम पंत हेडगेवार और रेवती बाई ने बचपन में ही उनको कर्तव्य निष्ठा और अपनी विरासत पर गर्व करने की भावना से प्रेरित कर दिया था। लेकिन जल्दी है बालक हेडगेवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनके माता-पिता की प्लेग महामारी की चपेट में आकर मृत्यु हो गई, जिससे उन्हें और उनके भाई-बहनों को अपना भरण-पोषण खुद करना पड़ा।
एक प्रशिक्षित डॉक्टर, जिन्होंने आम ज़िंदगी छोड़कर देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया और फिर 1925 में विजयादशमी के दिन 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना की। उनका सपना था कि हिंदू समाज एक होकर देश की सेवा करे। कुछ गिने चुने लोगों को एकत्र कर शुरू किया गया उनका प्रयास आज एक विशाल रूप धारण कर चुका है। डॉक्टर हेडगेवार के जीवन के संघर्ष और विचारों को अब एक फिल्म के जरिए दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा ।