आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में 'वन हेल्थ इन एक्शन' पर मास्टर क्लास, अमेरिकी दूतावास के अधिकारी हुए शामिल 

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में 'वन हेल्थ इन एक्शन' पर मास्टर क्लास का आयोजन करा गया जिसमें अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने भी  विशेष रूप से भाग लिया

Mon, 03 Mar 2025 03:10 PM (IST)
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आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में 'वन हेल्थ इन एक्शन' पर मास्टर क्लास, अमेरिकी दूतावास के अधिकारी हुए शामिल 
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में 'वन हेल्थ इन एक्शन' पर मास्टर क्लास, अमेरिकी दूतावास के अधिकारी हुए शामिल 

जयपुर, 03 मार्च 2025 : आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में 'वन हेल्थ इन एक्शन' पर मास्टर क्लास का आयोजन करा गया जिसमें अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने भी  विशेष रूप से भाग लिया इस सत्र में वक्ताओं के तौर पर थॉमस जे.बॉलिकी, ब्लूमबर्ग चेयर इन ग्लोबल हेल्थ; सीनियर फेलो फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स, लॉ एंड डेवलपमेंट, काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस और डॉ. जे. लेमेरी, प्रोफेसर ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन; डायरेक्टर, क्लाइमेट एंड हेल्थ प्रोग्राम; चीफ, सेक्शन ऑफ वाइल्डरनेस एंड एनवायरनमेंटल मेडिसिन, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो, स्कूल ऑफ मेडिसिन शामिल थे।

 

मास्टर क्लास में कई महत्वपूर्ण मुद्दों के ऊपर चर्चा की गई जिसके अंतर्गत जैव विविधता, डिकार्बोनाइजेशन, एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस, और जलवायु परिवर्तन से  स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर चर्चा की गई। थॉमस जे. बॉलीकी ने जनसंख्या में बदलाव, पशु स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और हेल्थ डेटा की जटिलताओं के प्रभावों को बताया और उनके स्वास्थ्य प्रणालियों पर प्रभाव की बात की। डॉ. जे. लेमेरी ने प्रदूषण, औद्योगिकीकरण और जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों पर गहन चर्चा की गई और साथ ही  पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई जरूरी है।

 

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने कहा, 'आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में, हम ऐसी चर्चाओं को बढ़ावा देते हैं जो वैश्विक विशेषज्ञता को स्वास्थ्य प्रबंधन शिक्षा से जोड़ती हैं। 'वन हेल्थ इन एक्शन'पर यह मास्टर क्लास हमारे छात्रों और शिक्षकों के लिए एक बहुत अच्छा मौका था, जहां उन्होंने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसे अहम वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों पर विशेषज्ञों से चर्चा की। ऐसी पहल से हमारे हेल्थकेयर मैनेजमेंट छात्रों को नया ज्ञान हासिल करने के साथ-साथ स्थिर और मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियां बनाने के लिए जरूरी कौशल भी मिलते हैं। हम वैश्विक स्वास्थ्य में प्रभावशाली समाधानों की ओर ले जाने वाले और अधिक सहयोगी प्रयासों की आशा करते हैं।'

 

दोनों वक्ताओं ने एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली की जरूरत पर जोर दिया, जो आपातकालीन हालात और आपदाओं से अच्छी तरह निपट सके। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो के कुछ खास प्रोग्रामों के बारे में भी बताया, जो स्वास्थ्य पेशेवरों को आपदाओं से निपटने और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की ट्रेनिंग देते हैं। इनमें शामिल हैं:

 

क्लाइमेट और हेल्थ साइंस पॉलिसी फेलोशिपयह एक साल का फेलोशिप प्रोग्राम है, जो डॉक्टरों और मेडिकल स्नातकों के लिए बनाया गया है। यह उन्हें अचानक आने वाली स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में मदद करता है।

 

डिप्लोमा इन क्लाइमेट मेडिसिनयह 300 घंटे का कोर्स है, जिसे पांच हिस्सों में बांटा गया है। इसमें स्वास्थ्य पेशेवरों को जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले स्वास्थ्य प्रभावों की गहरी समझ दी जाती है।

 

इसके अलावा, वक्ताओं ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के सस्टेनेबल हेल्थकेयर (एमएससी-एसएच) प्रोग्राम के बारे में भी बताया, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से तैयार किया गया है। यह प्रोग्राम स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक टिकाऊ और प्रभावी बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे प्रयासों को दर्शाता है।

 

मास्टर क्लास ने आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की उस प्रतिबद्धता को दोहराया, जो इस बात पर जोर देती है कि चर्चाएं और सहयोग स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र की क्षमता को बढ़ाते हैं, ताकि उभरते हुए वैश्विक स्वास्थ्य खतरों से निपटा जा सके। यूनिवर्सिटी भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों और संस्थाओं के साथ मिलकर प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल समाधान की दिशा में और काम करने की उम्मीद करता है।

Mamta Choudhary Admin - News Desk