राजभवन जयपुर में बांस की खेती पर उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन

राजभवन जयपुर में बांस की खेती को बढ़ावा देने हेतु उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई, जिसमें राज्यपाल श्री हरिभाऊ बगड़े सहित विशेषज्ञों और अधिकारियों ने बांस की उपयोगिता, पर्यावरणीय लाभों और किसानों की आय में वृद्धि पर चर्चा की।

Jul 12, 2025 - 13:07
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राजभवन जयपुर में बांस की खेती पर उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन
राजभवन जयपुर में आयोजित बांस की खेती पर उच्च स्तरीय बैठक का दृश्य, जिसमें राज्यपाल हरिभाऊ बगड़े, कृषि विशेषज्ञ और विभागीय अधिकारी भाग लेते हुए।

जयपुर – राजस्थान में बांस की खेती को प्रोत्साहित करने, वातावरण से कार्बन अवशोषण में इसकी भूमिका, पर्यावरणीय लाभों और किसानों की आय बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श हेतु एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन राजभवन, जयपुर में हुआ। इस बैठक की अध्यक्षता माननीय राज्यपाल श्री हरिभाऊ किशनराव बगड़े ने की।

बैठक में कुलाधिपति सचिव डॉ. पृथ्वी राज, कृषि, उद्यानिकी एवं वन विभाग के वरिष्ठ सचिव स्तर के अधिकारी, और महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

प्रख्यात बांस विशेषज्ञ श्री पासा पटेल ने बांस के नवाचारपूर्ण उपयोग और इसके बहुआयामी परिवर्तनकारी सामर्थ्य पर एक विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार बांस का उपयोग केवल पारंपरिक वस्तुओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह निर्माण, ऊर्जा, और रोजमर्रा की वस्तुओं के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है।

राज्य के संबंधित विभागों द्वारा अब तक बांस की खेती से जुड़ी प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर भी विस्तृत प्रस्तुतियाँ दी गईं। कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने सतत कृषि प्रणाली में बांस की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए इसे किसानों के लिए एक आर्थिक रूप से लाभकारी और पर्यावरणीय रूप से अनुकूल फसल बताया।

राज्यपाल श्री बगड़े ने बांस की खेती को केवल एक कृषि पहल नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस अवसर पर राज्यपाल महोदय ने डॉ. कर्नाटक को हस्तनिर्मित बांस की दीवार घड़ी भेंट की, जो बांस की दैनिक उपयोगिता का प्रतीक है। बैठक का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि बांस की खेती को मिशन मोड में आगे बढ़ाया जाएगा।

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