गुरु पूर्णिमा पर मेहुल पुरोहित का दिल छूने वाला संदेश: 'मेरी पहली गुरु मेरी मां हैं,' गूगल और यूट्यूब को भी दिया गुरु का दर्जा, कहा - मेरे लिए असली क्लासरूम थे

गुरु पूर्णिमा पर ब्रांड स्ट्रैटजिस्ट मेहुल पुरोहित ने कहा कि उनकी मां उनकी पहली गुरु हैं। साथ ही उन्होंने गूगल और यूट्यूब को भी अपना असली क्लासरूम बताया।

Jul 11, 2025 - 22:57
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गुरु पूर्णिमा पर मेहुल पुरोहित का दिल छूने वाला संदेश: 'मेरी पहली गुरु मेरी मां हैं,' गूगल और यूट्यूब को भी दिया गुरु का दर्जा, कहा - मेरे लिए असली क्लासरूम थे
गुरु पूर्णिमा पर मेहुल पुरोहित का दिल छूने वाला संदेश: 'मेरी पहली गुरु मेरी मां हैं,' गूगल और यूट्यूब को भी दिया गुरु का दर्जा, कहा - मेरे लिए असली क्लासरूम थे

10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के खास मौके पर, डिजिटल दुनिया के जाने-माने नाम और युवा उद्यमी मेहुल पुरोहित ने अपने दिल की बात कहकर सबको हैरान कर दिया। उन्होंने एक ही सांस में दो बातें कहीं, जो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में हैं। एक तरफ उन्होंने अपनी मां को अपने जीवन का सबसे पहला गुरु बताया, तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने गूगल और यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को भी गुरु का दर्जा दिया।

मेहुल पुरोहित, जो अपनी कंपनी 'मल्टीफेज डिजिटल' के जरिए आज बॉलीवुड सेलेब्रिटीज और बड़े-बड़े ब्रांड्स के लिए काम करते हैं, ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर एक भावुक संदेश दिया। उन्होंने कहा, "मेरी सर्वप्रथम मेरी गुरु मेरी माँ हैं, जिन्होंने मेरे पापा के जाने के बाद हर कदम पर संभाला, आज भी मुझे हर पल संभालती हैं।" उनके इस संदेश ने यह साफ कर दिया कि उनकी सफलता के पीछे उनकी मां का त्याग और मार्गदर्शन सबसे बड़ी वजह है।

यह बात उनके जीवन की कहानी से भी साफ झलकती है। मेहुल पुरोहित का जन्म 8 फरवरी 2001 को बीकानेर में हुआ था और उनकी जर्नी काफी मुश्किल रही है। उनके पिता, कृती पुरोहित का निधन हो चुका है, जिसके बाद उनकी मां मधु पुरोहित ने पूरे घर को संभाला। अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए उन्होंने छोटे-छोटे काम किए और उन्हें पढ़ाया। मेहुल के लिए उनकी मां ही सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। अपनी मां के लिए वह कहते हैं कि जब भी वह असफल होते थे, उनकी मां एक मेंटर की तरह उन्हें समझाती थीं और संभालती थीं। वह उन्हें हमेशा आगे बढ़ने का हौसला देती हैं।

बात उनकी पढ़ाई की करें तो मेहुल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई रमेश इंग्लिश स्कूल से की और फिर प्लैनेट ऑफ कॉमर्स से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 2021-23 के बीच महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर से ग्रेजुएशन किया। लेकिन उनकी असली कामयाबी का सफर 11वीं क्लास में ही शुरू हो गया था, जब उन्होंने ग्राफिक डिजाइनिंग सीखी। यहीं से उन्होंने फ्रीलांसिंग से अपने करियर की शुरुआत की।

2021 में, मेहुल ने अपनी मेहनत और क्रिएटिव अप्रोच के दम पर अपनी कंपनी मल्टीफेज डिजिटल की स्थापना की। यह कंपनी डिजिटल ब्रांडिंग, इन्फ्लूएंसर मैनेजमेंट और ब्रांड कैंपेन में एक्सपर्ट है। उनकी मेहनत और काम ने उन्हें बड़े-बड़े ब्रांड्स और सेलिब्रिटीज का भरोसेमंद पार्टनर बना दिया है।

मेहुल ने अपनी प्रोफेशनल जिंदगी को संवारने का श्रेय भी बड़े ही ईमानदारी से दिया। उन्होंने आगे कहा, "इसके साथ प्रोफेशनल जिंदगी को संवारने का काम गूगल और यूट्यूब ने किया, मेरे लिए तो ये ही असली क्लासरूम थे।"

मेहुल का यह संदेश बताता है कि जीवन में हमारे माता-पिता का स्थान कोई नहीं ले सकता, वे ही हमारे पहले गुरु होते हैं। वहीं, अगर हम सीखने के लिए तैयार हों, तो ज्ञान हमें कहीं से भी मिल सकता है, चाहे वह इंटरनेट हो या कोई और माध्यम। इस गुरु पूर्णिमा पर मेहुल ने यह कहकर सबको एक नई सोच दी है कि जीवन में हर वो चीज गुरु है, जो हमें कुछ सिखाती है और आगे बढ़ने में मदद करती है।

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