नीम की निम्बोली : कड़वी लेकिन सेहत के लिए अमृत
जानिए नीम की निम्बोली खाने के अद्भुत फायदे। यह पेट के कीड़े खत्म करने, डायबिटीज कंट्रोल, त्वचा रोगों से बचाव और इम्यूनिटी बढ़ाने में कैसे लाभकारी है।

भारत में नीम (Azadirachta indica) को प्राचीन काल से औषधीय वृक्ष के रूप में पूजा जाता है। इसकी पत्तियों और छाल के साथ-साथ नीम की निम्बोली यानी नीम का फल भी सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
नीम की निम्बोली एक छोटी, अंडाकार और हरे रंग की फल होती है, जो पकने पर पीली हो जाती है। इसका स्वाद कड़वा होता है, लेकिन इसके औषधीय गुण इसे बेहद खास बनाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, निम्बोली का सेवन पेट के कीड़े खत्म करने में सहायक होता है। सुबह खाली पेट 4-5 ताज़ी निम्बोली खाने से पेट साफ रहता है और पाचन तंत्र मजबूत होता है।
यह रक्त शुद्धिकरण में भी मदद करती है, जिससे त्वचा रोग जैसे फोड़े-फुंसी, दाग-धब्बे, मुंहासे आदि दूर होते हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए भी निम्बोली का सेवन लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रित करने में सहायक है। हालांकि, डायबिटीज के रोगियों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
नीम की निम्बोली इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है और शरीर को संक्रमणों से बचाती है। सुखाई हुई निम्बोली का चूर्ण भी बनाया जाता है, जिसे शहद या गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है। निम्बोली का काढ़ा भी बुखार और संक्रमण में लाभकारी माना गया है।
कृषि में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है। निम्बोली से निकला तेल जैविक कीटनाशक के रूप में काम आता है और इसके बीजों से बनी नीम खली उर्वरक के रूप में खेतों में प्रयोग होती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
हालांकि, अत्यधिक सेवन शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है। गर्भवती महिलाएं और गंभीर रोगों से ग्रसित लोग इसके सेवन से पूर्व विशेषज्ञ से सलाह लें।
नीम की निम्बोली सचमुच एक ऐसा प्राकृतिक उपहार है, जो स्वास्थ्य और कृषि दोनों के लिए अमृत समान है।