निराश्रित नर गौ वंश की समस्या से निजात पाने के लिए अनुदान बढ़ाये जाने की आवश्यकता

Wed, 11 May 2022 01:02 PM (IST)
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निराश्रित नर गौ वंश की समस्या से निजात पाने के लिए अनुदान बढ़ाये जाने की आवश्यकता

निराश्रित नर गौ वंश की समस्या से निजात पाने के लिए 

अनुदान बढ़ाये जाने की आवश्यकता

राज्य की गौशालाओं के प्रबन्धन एवं उनको आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाये जाने के संबंध में राजस्थान गौ सेवा आयोग की प्रथम बैठक जयपुर स्थित गौपालन निदेशालय के समिति कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में गौवंश को दिये जाने वाले अनुदान की समय सीमा छः माह से बढाकर नौ माह किये जाने पर राजस्थान गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री मेवाराम जैन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए कहा कि नर गौ वंश का अनुदान बढाकर 80 रूपये प्रतिदिन किये जाने पर निराश्रित नर गौ वंश की समस्या से निजात मिल सकेगी तथा अलग से नंदीशाला की भी आवश्यकता नहीं होगी। जैन ने कहा कि आज के समय में निराश्रित नर गौवंश की समस्या सबसे अधिक है तथा उसे अधिक अनुदान दिया जाना चाहिए ताकि गौशाला प्रबंधकों को प्रेरित किया जाकर आवारा/निराश्रित नंदीयों को गौशालाओं में आश्रय दिया जा सके।

जैन ने कहा कि प्रदेश में नंदीशालाओं को खोलने हेतु 20 बीघा जमीन की अनिवार्यता के स्थान पर 10 बीघा तथा गौ आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा दिये जाने के लिए अनुदान देकर गौशालाओं को स्वावलम्बी बनाये जाने के प्रयास किये जायेंगे। 

उन्होंने बताया कि नव पंजीकृत संस्थाएं भी नवीन गौशालाएं खोल सकती है, गौशाला खोलने के लिए पूर्व में संस्था का पंजीयन एक वर्ष पुराना होना अनिवार्य था। उन्होंने वर्धा, महाराष्ट्र में हरी घास की उन्नत तकनीक की जानकारी के सम्बन्ध में एक समिति का गठन कर विस्तृत अध्ययन उपरान्त रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के परिपेक्ष्य में इसे लागू करने के प्रयास किये जायेंगें, ताकि हरे चारे की कमी की पूर्ति की जा सके।  

जैन ने बताया कि गौशालाओं द्वारा बनाई जा रही वर्मी कम्पोस्ट/जैविक खाद का विक्रय मूल्य राज्य सरकार के स्तर से निर्धारित किये जाने के प्रयास किये जायेंगे ताकि राजकीय विभाग/उपक्रम सीधे ही बिना निविदा के गौशालाओं से खरीद कर सके। उन्होंने राजकीय कार्यालयों में गोबर से निर्मित गमलों के उपयोग पर जोर दिया। गौशालाओं को स्वावलम्बी बनाये जाने के लिए गोबर, की खाद व गौ मूत्र के कीटनाशी उपयोग को बढ़ावा दिये जाने से गौशालाओं की आय में भी वृद्धि हो सकेगी।

बैठक में गोपालन विभाग के शासन सचिव, पी.सी. किशन, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष सुमेर सिंह राजपुरोहित,, गोपालन विभाग के निदेशक डॉ. लाल सिंह सहित पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।