जयपुर: किराया मांगने पर पुलिसकर्मी ने खुद को स्टाफ बताकर दिखाया रोब
वीडियो में जेसीटीएसएल बस का कंडक्टर पुलिसकर्मी से किराया मांगता दिख रहा है। पुलिसकर्मी स्टाफ कह देता है। इस पर कंडक्टर मोहन ने पुलिसकर्मी को एमडी जेसीटीएसएल के आदेश दिखाए।
जयपुर सिटी बस में कंडक्टर और पुलिसकर्मी के बीच बहस का एक वीडियो सामने आया है। इसमें पुलिसकर्मी स्टाफ बताकर सिटी बस का टिकट खरीदने से मना कर रहा है। वहीं, कंडक्टर किराया मांग रहा है। पुलिसकर्मी अपना रोब दिखाते हुए खुद को स्टाफ बता रहा है।
दरअसल, जयपुर सिटी में चलने वाली जेसीटीएसएल की लो-फ्लोर बसों में पुलिसकर्मियों के लिए निशुल्क सुविधा नहीं है। कंडक्टर ने आए दिन होने वाली बहस से खुद को बचाने के लिए वीडियो बनाना शुरू कर दिया है। ऐसा ही 20 दिसंबर का एक वीडियो सामने आया है। टोंक रोड पर चल रही बस के कंडक्टर ने एक वीडियो बनाकर अपने सीनियर अधिकारियों को भेजा है। उसके बाद भी इस परेशानी का समाधान नहीं हो रहा है।
वीडियो में जेसीटीएसएल बस का कंडक्टर पुलिसकर्मी से किराया मांगता दिख रहा है। पुलिसकर्मी स्टाफ कह देता है। इस पर कंडक्टर मोहन ने पुलिसकर्मी को एमडी जेसीटीएसएल के आदेश दिखाए। इसके बाद भी पुलिसकर्मी बस से नहीं उतरा। कंडक्टर मोहन ने दो बार बस को रुकवाया। पुलिसकर्मी से पैसा मांगा। इसके बाद पुलिसकर्मी ने पैसा दिया, जब बस चली।
एसी-1 रूट के ड्राइवर मुकेश ने बताया कि यह बस सांगानेर से कूकस चलती है। आए दिन इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर रास्ते में फ्लाइंग मिलती है तो चालान बना देती है। ऐसे में एमडी साहब से आदेश हैं कि जेसीटीएसएल की बसों में पुलिसकर्मियों को फ्री में नहीं बिठाना। उसके बाद भी ये लोग बैठते हैं। इसलिए यह वीडियो बनाया था।
एक वीडियो में धमका रहा पुलिसकर्मी
वहीं, एक दूसरा वीडियो भी सामने आया है। जो जयपुर सिटी का है। चांदपोल के पास बस में बैठे व्यक्ति ने खुद को पुलिसकर्मी बताया। किराया देने से इनकार किया। इस बहस के दौरान कंडक्टर और पुलिसकर्मी के बीच में अच्छी खासी बहस हुई। इसका नुकसान राजस्थान पुलिस की छवि को हुआ।
3 नंबर रूट में यह बस ट्रांसपोर्ट नगर से एनआरआई कॉलोनी की ओर जाती है। इसमें भी पुलिसकर्मी परेशान करते हैं। बस के परिचालक विशाल चौधरी ने बताया कि आए दिन पुलिसकर्मियों को कहा जाता है, लेकिन वह मानते नहीं हैं। जिद करने लगते हैं। ऐसे में आम लोगों का समय खराब होता है। पुलिसकर्मी देख लेने की भी धमकी देते हैं।
कंडक्टरों की पीड़ा
कंडक्टरों का कहना है कि हम अपनी ड्यूटी करते हैं, लेकिन पुलिसकर्मी हमें परेशान करते हैं। हम पुलिसकर्मियों से पैसा मांगते हैं तो वे हमें धमकाते हैं। ऐसे में हम क्या करें? हम तो बस की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाना चाहते हैं।
क्या है नियम?
जेसीटीएसएल की लो-फ्लोर बसों में पुलिसकर्मियों के लिए निशुल्क यात्रा की सुविधा नहीं है। बस में पुलिसकर्मी अगर सवारी करता है, तो वह किराया देगा। अन्यथा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
समाधान क्या हो?
इस समस्या का समाधान करने के लिए राजस्थान पुलिस और जेसीटीएसएल को मिलकर एक योजना बनानी चाहिए। पुलिसकर्मियों को नियमों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। साथ ही, कंडक्टरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।