'समाज में करुणा की भावना जागृत करना ही है समय की मांग' नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का युवाओं से आह्वान

30 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर, 2023 तक विराटनगर, राजस्थान में आयोजित इस 3 दिवसीय समारोह का उद्देश्य समाज में परोपकार यानी कम्पैशन की भावना को जागृत करना है।

Sat, 30 Sep 2023 06:38 PM (IST)
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'समाज में करुणा की भावना जागृत करना ही है समय की मांग' नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का युवाओं से आह्वान
'समाज में करुणा की भावना जागृत करना ही है समय की मांग' नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का युवाओं से आह्वान

राजस्थान 30 सितम्बर  2023: सत्यार्थी मूवमेंट फॉर ग्लोबल कम्पैशन (एसएमजीसी) ने आज विराटनगर में, अपने पहले युवा शिखर सम्मेलन "यूथ समिट फॉर ह्यूमन फ्रटर्निटी एंड कम्पैशन" का उद्घाटन करते हुए दुनिया भर में परोपकार की भावना को जागृत करते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का आह्वान किया। जायद अवार्ड फॉर ह्यूमन फ्रेटरनिटी के सहयोग से आयोजित इस समारोह में देश - दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से आए 600 यूथ लीडर्स नें अपनी भागीदारी दर्ज कराई। 

इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यर्थी नें कहा, "दुनिया में पहली बार, समाज में करुणा की भावना को जागृत करने के लिए आज एक छत के नीचे 500 - 600 युवा यहां एकत्रित हुए हैं। इस बारे में बात हमेशा से होती आई है लेकिन दुनियाभर में उठ रहे इन सामाजिक मुद्दों और अलगाव के कारण यह एक आवश्यकता बन गई है। आज यहां जो लोग एकत्र हुए हैं वे करुणा के इस इतिहासिक वैश्विक आंदोलन का हिस्सा हैं।"

जायद अवार्ड फॉर ह्यूमन फ्रेटरनिटी के महासचिव न्यायाधीश, मोहम्मद अब्देलसलाम ने ह्यूमन फ्रेटरनिटी और कम्पैशन के बीच एक संबंध स्थापित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि, "कोई भी मनुष्य अपने मन में शत्रुता, भेदभाव और नफरत की भावना लेकर पैदा नहीं होता है। दुनिया के सभी धर्म परोपकार की बात करते हैं।"

लाइबेरिया की 2011 की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, लेमाह गॉबी ने कम्पैशन पर अपना अनुभव साझा करते हुए एक कहानी सुनाई। उन्होनें बताया कि कैसे एक पूर्व बाल सैनिक ने उन्हें न्याय पाने के लिए एक शांतिपूर्ण और दयालुता का रास्ता दिखाया, जब उनका गांव नष्ट हो गया था।

यह शिखर सम्मेलन वैश्विक विचारकों, यूथ इंफ्लुएंसर, मानव भाईचारे के अग्रदूतों, धार्मिक नेताओं, निर्णायकों और चेंजमेकर्स को एक साथ लाता है। दुनिया भर के विविध क्षेत्रों से आए यह सभी लोग, सामाजिक मतभेदों को दूर कर सकारात्मक परिवर्तन लाने पर विचार विमर्श करेंगे। इस चर्चा का आधार ह्यूमन फ्रेटरनिटी पर आधारित एक दस्तावेज़ होगा। इसमें उल्लिखित सिद्धांतों का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर करुणा फैलाना है।


एसएमजीसी एक विश्वव्यापी आंदोलन है जो एक समाज सुधारक के रूप में कैलाश सत्यार्थी के दशकों लंबे काम से प्रेरित है। इसका मिशन शिक्षा, व्यवसाय और सरकार सहित समाज के सभी क्षेत्रों में करुणा की भावना को बढ़ावा देना है। साथ ही, दुनिया भर में शांति और आपसी समझ को आगे बढ़ाते हुए विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के बीच एकता को बढ़ावा देना है।

ह्यूमन फ्रेटरनिटी के लिए जायद पुरस्कार एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है जो उन व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करता है जो सामाजिक दूरियों को पाटते हैं और मानवीय संबंधों को मजबूत करते हैं। 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का यह मौद्रिक पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस (International Day of Human Fraternity) के अंतर्गत प्रतिवर्ष 4 फरवरी को प्रदान किया जाता है।



Mamta Choudhary Admin - News Desk