जयपुर। ओबीसी आरक्षण में चल रही विसंगति को लेकर पंजाब कांग्रेस प्रभारी व पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चौघरी ने OBC आरक्षण संघर्ष समिति के साथ शुक्रवार को जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि इस मसले को लेकर जल्द ही कैबिनेट की बैठक बुलाकर फैसला लिया जाए। मुख्यमंत्री की सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद लीगल, RPSC व कार्मिक विभाग से स्वीकृति के बावजूद कैबिनेट बैठक में नियम डेफ़र होना दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र, उत्तराखंड, पंजाब, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में इसके लिए इसी तर्ज़ पर नियम बने हुए हैं।
पंजाब कांग्रेस प्रभारी व विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि 17 अप्रैल 2018 में पूर्ववर्ती सरकार ने पूर्व सैनिकों के सम्बंध में एक अधिसूचना जारी कर उपनियम जोड़ा जिससे सभी वर्गों का आरक्षण प्रभावित हुआ है। नये नियम से भूतपूर्व सैनिकों का एक भी पद कम नही होगा। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि आज हमें ओबीसी विसंगति को लेकर नीति निर्धारकों को वापस नियम बताने पड़ रहे है। उन्होंने कहा कि मंत्री अपनी बात कह सकते है, लेकिन कैबिनेट अप्रूवल ले सकती है। जबकि हमारी मांग को किसी भी स्तर पर कभी भी गैर वाजिब नही कहा गया। उन्होंने कहा कि हमारा किसी से कोई विवाद नही है, मैं संघर्ष समिति के साथ सभी पूर्व पीसीसी के अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्रियों सहित वरिष्ठजनों से व्यक्तिगत मांग करूँगा कि वे आगे आकर युवाओं को न्याय दिलाने में मदद करें।
मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि जल्द से जल्द कैबिनेट बुलाई जाए और इसके जरिये ओबीसी आरक्षण विसंगति विषय पर निर्णय लिया जाए।
उन्होंने कहा कि मैं ओबीसी के साथियों के साथ हूं, चाहे मुझे कितना ही नुकसान क्यों न हो। चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एक्स सर्विस मैन को लेकर 2018 से पूर्व कोई स्पष्ट प्रावधान नही था। पूर्व सैनिकों को महिला आरक्षण की तर्ज पर होरिजेंटल रिजर्वेशन हो। उन्होंने कहा कि हमारा किसी के साथ संघर्ष नही है, इसमे असफल रहे तो आंदोलन को लोगों के बीच सड़कों पर लेकर जाएंगे। जायज मांग से पीछे नही हटेंगे। विसंगति से हजारों छात्रों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि 1989 से राजनीति में हूं, ये मुद्दा क्रेडिट का नही है। क्रेडिट कोई भी ले, डिस्क्रेडिट मुझे दे दें। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से सवाल किया है, इसमें नौकरशाही का कोई रोल नहीं है।