बेहतर रोजगार के लिए साक्षात्कार कौशल एवं उद्यमिता विकास पर छः दिवसीय प्रषिक्षण का समापन

May 29, 2022 - 15:50
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बेहतर रोजगार के लिए साक्षात्कार कौशल एवं उद्यमिता विकास पर छः दिवसीय प्रषिक्षण का समापन

उदयपुर । महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के संघटक, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के अंतर्गत कार्यरत आणविक जीवविज्ञान एवं जैवप्रौद्योगिकी विभाग में बेहतर रोजगार के लिए साक्षात्कार कौशल, शैक्षिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव तैयार करने विषय पर 6 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 23 से 28 मई 2022 तक किया गया।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़, कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने प्रतिभागियों को कहा कि स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं के इस तरह की कार्यषाला का आयोजन उनके भविष्य को ध्यान में रखकर किया गया ताकि वो भविष्य में बेहतर विकल्प को अपने जीवन में आत्मसात कर सके। 

डाॅ. राठौड़ ने सभी छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए सभी को शुभकामनाएं दी। डाॅ. राठौड़ ने छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए कहा कि आप सभी को नौकरी लेने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनना वाला चाहिए। डाॅ. राठौड़ ने कहा कि कृषि में बहुत संभवानाएं उपलब्ध है बस आवष्यकता इस बात कि है कि हम इन संभावनाओं को अपने जीवन में किस प्रकार से अपनाते है। यदि उत्तम विचारों के साथ इस पर अग्रसर होते हैं तो निष्चित रूप से हमें सफलता मिलती है।

डॉ. दीपक ईस्सर, लीडरशिप कोच और कॉर्पाेरेट ट्रेनर ने छः दिनों के दौरान साक्षात्कार के लिए मानसिकता तैयार करना, तैयारी और महत्व फिर से शुरू करें, इंटरव्यू के दौरान बढ़ी सैलरी पाने के टॉप 5 राज, फोकस और आत्मविश्वास बढ़ाना, शैक्षिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव के सभी एटीएस तत्वों के आधार पर स्व-परिचय का अभ्यास करना, ऑनलाइन और टेलीफोनिक साक्षात्कार सत्र संभालना आदि विषयों पर व्याख्यान दिए। 

डाॅ. ईस्सर ने इस कार्यशाला में छात्रों को सुझाए गए प्रमुख लाभ कैरियर और विकास के बारे में अधिक स्पष्टता, साक्षात्कार प्रक्रिया के बारे में पूर्ण स्पष्टता, आत्मविश्वास से भरी मनःस्थिति के साथ बढ़ा हुआ ध्यान, बेहतर आत्म-मूल्य और उच्च आत्म-सम्मान, मेरा जिम्मेदार रवैया, बेहतर व्यक्तित्व, उत्पादकता और प्रदर्शन प्राप्त करना  एवं आपकी क्षमताओं के आधार पर औसत वेतन पैकेज बढ़ाने की क्षमता में सुधार करता है, आदि बताए। साथ ही डाॅ. ईस्सर, ने यह भी सुझाव दिया कि किसी भी साक्षात्कार में जाने से पहले एक पूर्व-कल्पित मौलिक परिकल्पना का उपयोग करके हमारे दिमाग में जीत की स्थिति कैसे प्राप्त करें।

श्री राकेश राजपुरोहित, अन्वेषक, उद्यमी और व्यवसाय नेतृत्व सलाहकार ने इन छः दिनों में उद्यमिता विकास पर छात्रों को अहम जानकारियां प्रदान की। श्री राजपुरोहित ने कृषि में उद्यमिता, समस्या की पहचान और समस्या का समाधान, उद्यमिता मॉडल का लक्ष्य निर्धारण, उत्पाद बाजार लोगों और ग्राहकों के साथ सामंजस्य, परियोजना का निर्माण और वित्तीय विश्लेषण और अंत में हम जीते कैसे आदि विषयों पर अपने व्याख्यान दिए। 

इसके अतिरिक्त श्री राजपुरोहित ने छात्रों को उनके करियर, विकास और उद्यमिता मॉडल के बारे में अधिक स्पष्टता, आत्मविश्वास से भरी मनःस्थिति के साथ बढ़ा हुआ ध्यान, बेहतर आत्म-मूल्य और आत्म-छवि और उच्च आत्म-सम्मान बनाए रखना, मेरी जिम्मेदारी रवैया लाना और दोषारोपण को रोकना, बेहतर संचार कौशल और उद्यमिता मानसिकता, उद्यम और सफल करियर जीतने के लिए सफलता और खुशी के लिए दिमागी शक्ति का उपयोग करना, बेहतर रोजगार योग्यता के लिए छात्रों के औसत वेतन पैकेज में सुधार के टिप्स आदि पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण संस्था के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं। 

सकारात्मक प्रतिक्रिया से छात्रों और अभिभावकों का आत्मविश्वास बढ़ता है। संतुष्ट छात्रों के साथ मौखिक प्रचार का उच्च स्तर बनता है अपने स्वयं के करियर के लिए छात्रों का जिम्मेदार व्यवहार होना चाहिए। बेहतर रोजगार और बेहतर उद्यमशीलता व्यवहार होना चाहिए। छात्रों की अधिक संतुष्टि संगठन में लंबे समय तक चयनित उम्मीदवारों के प्रतिधारण में सुधार करती है। आत्मविश्वास से भरे छात्र कार्यस्थल पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं जिससे कॉर्पोरेट के बीच संस्थान की छवि में सुधार होता है। छात्रों की औसत वेतन संरचना में सुधार से अनुशासन के आगे के दायरे का प्रतिशत बढ़ जाता है। यह एक बड़े, मापनीय और सफल उद्यम के रूप में विकसित करने के लिए एक अभिनव और रचनात्मक विचार के साथ जाने के लिए छात्रों की मानसिकता में सुधार करता है।

डाॅ. देवेन्द्र जैन, आयोजन सचिव एवं सहायक प्राध्यापक, आणविक जीवविज्ञान एवं जैवप्रौद्योगिकी विभाग, आर.सी.ए. ने बताया यह कार्यशाला आईडीपी एनएएचईपी प्रायोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम (2022-23) के तहत् आयोजित की गई। इस कार्यशाला में महाविद्यालय के स्नातक कृषि के 30 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस कार्यशाला को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य था कि स्नातक स्तर के छात्र-छात्राएं केवल नौकरी पाने में ज्ञान और कौशल प्राप्त करने में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन प्रौद्योगिकी और उन्नति के अत्याधुनिक युग में, छात्रों को व्यक्तिगत साक्षात्कार जैसे महत्वपूर्ण कौशल के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। इससे छात्रों को उच्च वेतन प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर डाॅ. एस. एस. शर्मा, अधिष्ठाता, आर.सी.ए.; डाॅ. एस. के. शर्मा, अनुसंधान निदेशक, डाॅ. रेखा व्यास, जोनल निदेषक अनुसंधान, एवं डाॅ. एस. के. खण्डेलवाल सह आयोजन सचिप आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम  का संचालन शालिनी पिलानिया एवं धन्यवाद की रस्म डाॅ. देवेन्द्र जैन ने अदा की।