23 वर्षों के संघर्ष के बाद Actor Raj Baasira का सपना हुआ साकार, 'सतरंगी रे' 20 सितंबर, 2024 को होगी रिलीज़

राजेश गांगानी urf Raj Baasira - भावनगर के एक छोटे से गांव से शुरू हुई कहानी फिल्म सतरंगी रे पर पूरी हुई- 23 साल तक संघर्ष कर अपना सपना पूरा किया

Wed, 18 Sep 2024 04:36 PM (IST)
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23 वर्षों के संघर्ष के बाद Actor Raj Baasira का सपना हुआ साकार, 'सतरंगी रे' 20 सितंबर, 2024 को होगी रिलीज़
23 वर्षों के संघर्ष के बाद Actor Raj Baasira का सपना हुआ साकार, 'सतरंगी रे' 20 सितंबर, 2024 को होगी रिलीज़

सूरत, सितम्बर 18 : राजेश गांगानी urf Raj Baasira - भावनगर के एक छोटे से गांव से शुरू हुई कहानी फिल्म सतरंगी रे पर पूरी हुई- 23 साल तक संघर्ष कर अपना सपना पूरा किया

नाम - राजेश कुमार मनजीभाई गांगानी,प्यार का नाम- राज बासिरा.

जन्म - जिला- भावनगर, तालुका- सीहोर, गांव- बेकड़ी गांवदिनांक- 5 जुलाई 1981

यह परिचय अमिताभ बच्चन की फिल्म अग्निपथ के एक डायलॉग जैसा लगता है. लेकिन ये जो शख्स हैं उन्हे फिल्म बनाने के लिए 23 साल तक अग्निपथ पर चलने का तप करना पड़ा. 23 साल के लगातार संघर्ष के बाद राजेश गागांनी की -संतरंगी रे नाम की गुजराती फिल्म आखिरकार 20 सितंबर को रिलीज होने जा रही है।

राजेश कुमार गंगानी उर्फ राजबासिरा का पैतृक गांव हबुकवाड है जो भावनगर के तलाजा तालुका में स्थित है। यहीं बचपन बिताया और 7वीं कक्षा तक पढ़ाई की। गाँव इतना छोटा है कि प्राइमरी स्कूल के बाद 10वीं तक की पढ़ाई के लिए पड़ोसी गांव टीमाणा जाना पड़ा। फिर हालात ऐसे बने कि 1997 में हीरे के काम के लिए मुंबई जाना पड़ा. 2 से 3 साल तक हीरों का काम किया। मुंबई में रहकर पता लगा कि वे फिल्म लाइन के लिए ही बने हैं। फिर 2001 में फिल्मलाइन में आये. वह फिल्मों और सीरियल्स में छोटे-बड़े रोल करते रहे। 

अनिल कपूर की मशहूर फिल्म नायक में भी रोल मिला लेकिन दुर्भाग्यवश फिल्म लंबी होने के कारण उन्हें काट दिया गया। फिर उन्होने 'कभी दिया जले, कहीं जिया' नामक धारावाहिकों में अभिनय किया। 2004 के बाद निजी कारणों से सूरत आना पड़ा। वहां कपड़ा और जमीन कारोबार में काम शुरू किया, वहां 10 साल तक काम किया. लेकिन उनके दिमाग में तो सिर्फ मुंबई ही चल रही थी. इसलिए 2014 में वापस मुंबई गए। अब मन बना लिया और मुंबई के अंधेरी में एक ऑफिस खोल लिया। गोलटच एंटरटेनमेंट नाम से अपनी कंपनी शुरू की। फिर, अभिनेता के तौर पर कई फिल्मों में काम किया. मुख्य किरदार के तौर पर दो गुजराती फिल्में कीं जो अभी तक रिलीज नहीं हुईं। रामरतन नाम की एक हिंदी फिल्म आई थी जिसमें उन्होंने अभिनय किया था. इसके अलावा एक हिंदी फिल्म भी की जिसका नाम था- हक चाहिए- जो आरक्षण के बारे में थी। 

फिल्म में उन्होंने नेगेटिव किरदार निभाया था. किस्मत ने फिर पलटी मारी और साल 2018 में वापस सूरत आना पड़ा। फिर से जमीनी काम से जुड़ गये. लेकिन मन तो मुंबई में ही अटका हुआ था. आख़िरकार 2022 में दोबारा मुंबई गए. जून महिने में- सतरंगी रे- फिल्म के संगीत और कहानी पर काम करना शुरू किया। फिर 23 मई 2023 को शूटिंग शुरू की. शूट एक महीने में निपट गया और पोस्ट प्रोडक्शन 6 महीने तक चला। आखिरकार अब फिल्म संतरंगी 20 सितंबर 2024 को रिलीज हो रही है। राजेश कुमार गांगानी की जिंदगी की कहानी में भी कई रंग हैं. लेकिन एक बात तय है कि वह 23 साल तक फिल्म निर्माण के अपने जुनून पर कायम रहे।

Mamta Choudhary Admin - News Desk