उच्च तकनीकी बागवानी इकाई राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर उद्यमिता विकास हेतु छह दिवसीय प्रशिक्षण का सफलआयोजन

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर की आई डी पी सेल एवं एन ए एच ए पी के वित्तीय सहयोग से छह दिवसीय प्रशिक्षण का सफल आयोजन दिनांक 14 नवंबर से 19 नवंबर 2022 तक उच्च तकनीकी बागवानी इकाई प्रशिक्षण हॉल राजस्थान कृषि महाविद्यालय पर संपन हुआ| जिसमें कृषि महाविद्यालय के स्नातक अध्ययनरत पाठ्यक्रम के तहत कौशल उन्नयन एवं उद्यमी बनाने हेतु पुष्प विज्ञान एवं भू-सौंदर्यकरण के माध्यम से प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया गया|
इस अवसर पर डॉ ऋतु जैन (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक) द्वारा पुष्प विज्ञान में पुष्पों से मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाने हेतु एवं पुष्प शुष्कीकरण की विभिन्न विधियों पर चर्चा करते हुए परीक्षार्थियों से प्रायोगिक अभ्यास करवाया गया| डॉ एल एन महावर (प्रोफेसर एवं परियोजना प्रभारी पुष्प विज्ञान) द्वारा ग्लेडियोलस कट फ्लावर की उन्नत तकनीक का प्रायोगिक प्रदर्शन का अभ्यास कंद रोपण कर छात्रों से उद्यमिता हेतु करवाया गया।
डॉ आर के दुबे (प्रोफेसर- भू- सौंदर्य,पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना) द्वारा भूमि के अभाव में ऊर्ध्वाधर विज्ञान की चुनौती महत्व, डिजाइन, अलंकृत पौधों का चयन एवं वायु प्रदूषण हेतु ऊर्ध्वाधर उद्यानिकी की महत्वता व भूमिका को बताया|डॉ गुनजीत कुमार (प्रधान पुष्प वैज्ञानिक,भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,नई दिल्ली) द्वारा बहुवर्षीय गुलदाउदी उत्पादन तकनीक एवं नई किस्मों के विकास हेतु संकरण एवं प्रसारण विधियों द्वारा प्रायोगिक अभ्यास विद्यार्थियों को करवाया गया|प्रो. बालाजी एस कुलकर्णी (अधिष्ठाता - बागवानी विश्वविद्यालय,बागलकोट )द्वारा भू-सौंदर्यकरण डिजाइन एवं सिद्धांत की प्रायोगिक तकनीक उपलब्ध करवाई गई|
डॉक्टर पी नवीन कुमार (प्रधान वैज्ञानिक-पुष्प अनुसंधान निदेशालय ,पुणे) द्वारा पुष्प विज्ञान कार्यक्रम से विभिन्न उद्यमी आयाम जैसे संरक्षित खेती, अलंकृत बीज उत्पादन, पौध-उत्पादन पौधशाला से आय व्यवसाय एवं पुष्प उत्पाद संवर्धन आदि आयामो पर विशेष बल दिया साथ ही रजनीगंधा एवं ग्लेडियोलस कट फ्लावर उत्पादन की नई तकनीक पर जानकारी उपलब्ध करवाई|डॉ. सी. सुबेश कुमार ( प्रोफेसर - तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय - कोयम्बटुर) द्वारा सॉफ्टवेयर फॉर लैण्डस्केप एवं गोल्फ कोर्स सौन्दर्यकरण एंव विकास पर विशेष जानकारी उपलब्ध करवाई ।
श्रीमती हेमा पाटकर (इकेबाना विशेषज्ञ, हैदराबाद) द्वारा ओरिएन्टल एवं रिम्पा स्टाइल से इकेबाना की विभिन्न शैलियों से विभिन्न पुष्पों के माध्यम से जीवित प्रदर्शन एंव उत्पाद की तकनीकी सिखाई गई।श्री परशुराम मंधारवांडी (प्रोफेशनल ऑटोकैड- अरभावी,कर्नाटक) द्वारा ऑटोकेड एंव अर्किकेड सॉफ्टवेयर टू-डी एवं थी-डी. डाइमेंशन डिजाइन सेसिद्धांत एवं प्रायोगिक अभ्यास द्वारा विद्यार्थीयों को उद्यमी बनने की तकनीकी जानकारी दी गई।डॉ. एस.एल. चावला (पुष्प विज्ञान विशेषज्ञ- नवसारी कृषि विश्वविद्यालय )द्वारा टर्फ ग्रास प्रबंधन एवं लॉन की विभिन्न किस्मों को अपनाकर उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
अंतिम दिवस पर श्री हरि ओम प्रकाश (कैक्टस प्रोफेशनल) द्वारा विभिन्न प्रकार के कैक्टस सक्यूलेंट्स की प्रजाति एवं उनके उत्पाद तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी जैसे कम पानी में उगने वाले सेंसीवेरिया हावर्थिया ,क्लोरोफिटम, यूफोरबिया, एडिनीयम आदि की प्रायोगिक विशेष जानकारी दी|श्री वीरेंद्र सिंह चौहान [बोंसाई हंटर] द्वारा अपराइट फॉर्म,स्लैन्टिंग फॉर्म, कैस्कैड फॉर्म, बोनसाई ऑन एंड इन कैल्केरियस रॉक,मल्टीपल फॉर्म बोंसाई तैयार करने की एवं कम गहराई वाले टब, गमले एवं पौधों का चुनाव जैसे फाइकस, पीपल,शफ्लेरा आदि की बोनसाई का सजीव प्रदर्शन प्रदर्शन करने की विस्तृत जानकारी दी|
डॉ शालिनी पिलानिया द्वारा शरद ऋतु वाले एक वर्षीय अलंकृत पुष्पों की जानकारी उपलब्ध कराई एवं मृदा विहीन मीडिया (कोकोपीट:वर्मीकुलाइट:परलाइट-2:1:1) में बीजों की बुवाई द्वारा पौध तैयार करने का प्रायोगिक अभ्यास करवाया गया। डॉ आर ए कौशिक (प्रसार शिक्षा निदेशालय) ने पुष्प विज्ञान में उद्यमी को प्रोत्साहन देने हेतु अधिक छात्रों द्वारा विभिन्न उन्नत पुष्प उत्पाद तैयार कर अभियास, वितरण एवं विपरण पर जोर देकर सीखने एवं उद्यमी बनने हेतु प्रेरित किया|
डॉ.एस एस शर्मा (अधिष्ठाता ,राजस्थान कृषि महाविद्यालय) द्वारा मुख्य अतिथि उद्बोधन में बताया कि बोनसाई की महत्वता और उत्पाद को वितरण कर उद्यमी बने ताकि अधिक आबादी को रोजगार सृजन एवं प्राप्ति हो सके|इस प्रशिक्षण का आयोजन सचिव- डॉ. लक्ष्मीनारायण महावर, प्रोफेसर उद्यान विज्ञान, एव आयोजन सहसचिव डॉ. शालिनी पिलानिया विभागध्यक्ष डॉ. हीरालाल बैरवा एंव डॉ. कपिल देव आमेटा [ उद्यान विभाग - राजस्थान कृषि महाविद्यालय - उदयपुर ] द्वारा किया जा रहा है जिसमे 30 विद्यार्थीयों को कौशल उन्नयन हेतु प्रशिक्षण दिया गया।डॉ एच एल बेरवा ( विभाग अध्यक्ष, उद्यान विज्ञान) द्वारा सभी पधारे अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि, प्रशिक्षणार्थी एवं सहयोग करने वाले छात्र छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।