डाॅ. लोकेश गुप्ता ने किया राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर के अधिष्ठाता के रूप मे कार्यभार ग्रहण
डॉ. गुप्ता ने अभी तक 22 करोड रूपये की विद्याथियों एवं किसानोपयोगी विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं का सफल संचालन कर विश्वविधालय को देश एवं राज्य में अग्रणीय पंक्ति में सुशोभित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उदयपुर: महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता के रूप में डॉ. लोकेश गुप्ता के द्वारा दिनांक 30 नवम्बर 2023 को कार्यभार ग्रहण किया। इससे पूर्व में डॉ. गुप्ता ने विश्वविधालय छात्र कल्याण अधिष्ठाता के दायित्व का निर्वहन किया है एवं वर्त्मान में डॉ. गुप्ता महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय दूसरे संघटक दुग्ध एवं खाद्य विज्ञान महाविधालय, उदयपुर के अधिष्ठाता के रूप में कार्यवहन कर रहे हैं। डॉ. गुप्ता ने अभी तक 22 करोड रूपये की विद्याथियों एवं किसानोपयोगी विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं का सफल संचालन कर विश्वविधालय को देश एवं राज्य में अग्रणीय पंक्ति में सुशोभित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके अलावा मेवाड में किसानों को रोजगाार से जोडने के लिए 5 किसान उत्पादक संगठन के गठन में सहयोग कर किसानों की सहायता की है। हाल ही में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने बकरी की तीन नस्लों सोजत, करोली एवं गुजरी बकरी का पंजीयन राष्ट्रीय स्तर पर करवा कर विश्वविद्यालय ही नहीं अपितु राजस्थान प्रदेश का नाम पुरे देश में गुंजायमान किया इन नस्लों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मुख्य भूमिका डॉ. लोकेश गुप्ता की रही जिस से राजस्थान ही नहीं बल्कि पुरे भारत के बकरी पालकों को लाभ प्राप्त होगा । डॉ. गुप्ता को देश में पशुपालन पोषण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर एनिमल न्यूट्रिशन सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से फेलो अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था ।
इसके अतिरिक्त डॉ. गुप्ता ने वियतनाम, कनाडा, आस्ट्रेलिया एवं फिलिपिन्स आदि देशों की यात्राऐं कर चुके हैं।
डॉ. गुप्ता ने बताया की भविष्य में महाविधालय के विकास एवं प्रगति के लिए निम्न कार्यो पर विशेष बल दिया जायेगा जिसमे
1. महाविधालय के द्वारा राजस्व उत्पत्ति के नये मार्ग स्थापित करना ।
2. किसानों, शहरी नागरिकों और अन्य हितधारकों को इनपुट प्रदान करने के लिए
कृषि, बागवानी और पशुधन फार्मों की दृश्यता स्थापित करना ।
3. त्।ॅम् के छात्रों के द्वारा सरकारी योजनाओं के फीडबैक और उनमें सुधार हेतु अपनी भूमिका का निर्वहन किया जा सके इसके लिए छात्रों को तैयार करना ।
4. भविष्य की आवश्यकता पर आधारित पीजी एवं पीएचडी अनुसंधान कार्य किया जाये ।
5. राजस्थान कृषि महाविधालय परिसर और छात्रावास में इन्टरनेट वाई-फाई की निर्वाध सुविधा ।
6. प्रत्येक शिक्षण संकाय सदस्य के पास बाह्य रूप से वित्त पोषित परियोजना के आवेदन को प्राथमिकता ।
7. नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी प्रदाता के लिए छात्रों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण यूजी शिक्षण और कौशल विकास पर पुरजोर दिया जायेगा
8. स्कूल छोड़ने वाले छात्रों के लिए विशेष रूप से पशुधन, कृषि, मुर्गीपालन, मशरूम उत्पादन, भूदृश्य और बागवानी पर कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू करना
9. विश्वविद्यालय द्वारा 79 व्यावसायिक पाठ्यक्रम का अनुमोदन किया गया था जिनको प्राथमिकता से लागु करने पर जोर दिया जायेगा ।
10. छात्रों के प्लेसमेंट के लिए सर्वप्रथम प्राथमिकता उद्योग शिक्षा सम्मेलन का आयोजन करवाना ।
11. राजस्व उत्पन्न करने के लिए उपकरण और प्रयोगशाला सुविधा को कस्टम हायरिंग पर उपलब्ध करवाना ।
12. विश्वविद्यालय के उत्पादों और उपज को आमजन में प्रचलित एवं बिक्री के लिए विश्वविद्यालय उत्पादों की दुकान खोलना ।