भाई दूज 2023: शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा

भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें शुभकामनाएं देती हैं। भाई भी अपनी बहन को उपहार देते हैं।

Nov 15, 2023 - 13:25
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भाई दूज 2023: शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा
भाई दूज 2023: शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा

भाई दूज कब है?

भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल 15 नवंबर 2023 को भाई दूज है।

भाई दूज का शुभ मुहूर्त

15 नवंबर को भाई दूज के दिन भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजे तक है।

भाई दूज का महत्व

भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें शुभकामनाएं देती हैं। भाई भी अपनी बहन को उपहार देते हैं।

भाई दूज की कथा

भाई दूज की कथा यमराज और यमुना से जुड़ी हुई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमराज और यमुना दोनों ही सूर्यदेव की संताने हैं और भाई-बहन हैं। दोनों में बेहद प्रेम था। एक दिन यमराज बहन यमुना से मिलने पहुंचे। यमुना ने भाई के लिए ढेरों पकवान बनाएं, मस्तक पर तिलक लगाया और भेंट में नारियल दिया। इसके बाद यमराज ने बहन से वरदान में उपहार स्वरूप कुछ भी मांग लेने के लिए कहा जिस पर मां यमुना ने कहा कि वे बस ये विनती करती हैं कि हर साल यमराज उनसे मिलने जरूर आएं। इसी दिन से भाई दूज मनाए जाने की शुरूआत हुई। माना जाता है कि भाई दूज के दिन ही यमराज बहन यमुना से मिलने आते हैं।

भाई दूज की पूजा विधि

भाई दूज के दिन बहनें सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद घर को साफ-सुथरा करें और पूजा की तैयारी करें। पूजा के स्थान पर यमराज और यमुना की तस्वीर या प्रतिमा रखें। तस्वीर के सामने एक थाली में चावल, रोली, हल्दी, अक्षत, फूल, नारियल और मिठाई रखें। इसके बाद बहनें हाथ जोड़कर यमराज और यमुना की पूजा करें। पूजा के बाद भाई के माथे पर तिलक लगाएं और उन्हें मिठाई खिलाएं।

भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई से आशीर्वाद लेती हैं। भाई भी अपनी बहन से आशीर्वाद लेकर उन्हें उपहार देते हैं। इस दिन बहनें भाई को लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

Vinita Kotwani Journalist & Content Writer