महिलाओं के लिए संस्थागत सुरक्षा ,विकास के लिए अनिवार्य - डॉ.गायत्री तिवारी
31 मई 2022, महाराणा प्रताप कृषि एवम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ,उदयपुर के संघटक सामुदायिक एवं व्यवहारिक महाविद्यालय के आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी-सीसीएएस) की गतिविधियों के अन्तर्गत अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया .
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ मीनू श्रीवास्तव, डीन, सामुदायिक अवम व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय उदयपुर ने कहा की प्रत्येक संस्था में ऐसी समीति का गठन इस बात का द्योतक है की प्रत्येक स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा के प्रबंध किये गए हैं । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ सिंधु बिनुजीत, काउंसलर- यूनिसेफ, सदस्य तृतीय स्तरीय समिति (जिला आयुक्त की समाधान समीति) विशाखा दिशा-निर्देशों का विस्तृत विवरण द्वारा दिया गया जो कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए आचार संहिता से संबंधित था।आपने पोक्सों एक्ट के बारे में बताते हुए कहा की जेंडर न्यूट्रल होने की वजह से इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है .आपने प्रतिभागियों से आग्रह किया की वे दैनंदिन जीवन में स्व नियंत्रण का पालन करते हुए निरअपराधिक जीवन जी सकते हैं .
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए डॉ.गायत्री तिवारी नोडल अधिकारी और विभागाध्यक्ष ,मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन विभाग ने कहा कि कार्यस्थल में महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 (आमतौर पर पीओएसएच अधिनियम के रूप में जाना जाता है) ने आंतरिक शिकायत समिति या आईसीसी नामक शिकायत निवारण मंच के रूप में एक शिकायत प्रक्रिया विकसित की है। हाल के वर्षों में इसे केवल आंतरिक समिति या आईसी के रूप में जाना जाने लगा है।आमजन को इसके बारे में जागरूक किया जाना आवश्यक है. इससे ना केवल अपराधों में कमी आएगी बल्कि अपराधी को सजा मिलने का मार्ग भी प्रशस्त होगा और हम सुरक्षित समाज की दिशा में अग्रसर हो पाएंगे .
इस अवसर पर विभाग की विशेषज्ञा मोनिशा सज्जन एवं तकनीकी सहायक श्रीमती रेखा राठौड़ने भी सक्रीय भाग लिया .सत्र का समापन प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नोत्तर तथा उनके समाधान के साथ हुआ