शंख की आध्यात्मिक ध्वनि और नगाड़े की मदमाती लय के साथ 'धरती धोरां री' लोक संगीत महोत्सव का आगाज
नगाड़ा वादन के बाद अजमेर की राधा देवी के नेतृत्व में आठ महिलाओं ने घूमर, किशनगढ़ की राधा, अंजना, पूजा, उर्मिला, रेखा, किरण, कृष्णा और पायल ने किशनगढ़ के पारंपरिक चरी नृत्य की बानगी पेश की।
जयपुर में दीपावली उत्सव की खुशियों के बाद गुरुवार को सात दिवसीय लोक संगीत महोत्सव ‘धरती धोरां री’ (Dharti Dhoran Ri' folk music festival) का आगाज हुआ। इस महोत्सव में राजस्थान की समृद्ध लोक संस्कृति को जीवंत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
समारोह के पहले दिन शंखनाद की पवित्र धुन के साथ नगाड़ा के विश्व विख्यात कलाकार नाथू सिंह सोलंकी और उनके 10 अन्य साथियों ने समारोह का आगाज़ किया। इसके बाद नाथू सिंह सोलंकी ने अपने मदमस्त अंदाज में नगाड़ा वादन किया। नाथू ने ताल कहरवा में सोलो नगाड़ा वादन करते हुए लय के अनेक अंदाज से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। नगाड़ा पर गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए नाथू सिंह और साथियों ने बाबा रामदेव के चर्चित भजन रूणीचे रा धणिया के अलावा वारी जाउं गुरू वंदना पर नगाड़ा वादन की बानगी पेश की। धरती धोरां री गीत पर किए सामूहिक नगाड़ा वादन ने संपूर्ण परिसर को मरू भूमि के रंग में रंग लिया।
नगाड़ा वादन के बाद अजमेर की राधा देवी के नेतृत्व में आठ महिलाओं ने घूमर, किशनगढ़ की राधा, अंजना, पूजा, उर्मिला, रेखा, किरण, कृष्णा और पायल ने किशनगढ़ के पारंपरिक चरी नृत्य की बानगी पेश की। अलवर से आए मातादीन एवं साथियों ने मत्स्य क्षेत्र में विवाह के अवसर पर किए जाने वाले खारी नृत्य से लोगों का मन मोह लिया।
इससे पूर्व भारतीय विद्या भवन, बैंगलूरू के अध्यक्ष के.जी. राघवन, जयपुर के अध्यक्ष विमल चन्द सुराना और कार्यक्रम चेयर पर्सन आशा गोलेछा ने दीप प्रज्जवलित कर समारोह का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम सचिव राजेन्द्र सिंह पायल ने बताया कि यह लोकोत्सव 16 नवंबर से 22 नवंबर तक महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम और उसके परिसर में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान चरी नृत्य,पुंगी वादन, ध्रुवपद गायन, लोक नृत्यों, लोक नाट्यों और कार्यशालाओं के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय विद्या भवन व इनफोसिस फाउन्डेशन पिछले छह वर्षों से कल्चरल आउटरीच प्रोग्राम राजस्थान में आयोजित करता आ रहा है। इसके तहत अब तक 100 कार्यक्रम लोक कलाओं व कलाकारों से संबंधित आयोजित किए जा चुके हैं।
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