राजस्थान में ब्लैकआउट: अंधेरे में डूबे कई शहर, सुरक्षा अलर्ट के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन
राजस्थान के 28 शहरों में एयर स्ट्राइक मॉक ड्रिल के तहत 15 मिनट का ब्लैकआउट किया गया। सायरन बजने के बाद बिजली की आपूर्ति रोकी गई और सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई।

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इसी क्रम में बुधवार रात राजस्थान समेत देशभर के कई हिस्सों में 15 मिनट का ब्लैकआउट और सायरन बजाने की मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
28 स्थानों पर 15 मिनट का ब्लैकआउट
राजस्थान में इस मॉक ड्रिल की शुरुआत सबसे पहले अजमेर, बारां, डीडवाना और ब्यावर से हुई। शाम 7 बजे जैसे ही अलर्ट सायरन बजा, डिस्कॉम ने बिजली की आपूर्ति काट दी। देखते ही देखते पूरे शहर में अंधेरा छा गया। सड़कों पर चलते वाहनों की रफ्तार भी थम गई, और वाहन चालकों ने सुरक्षा कारणों से गाड़ियों की लाइटें बंद कर दीं। पूरे 15 मिनट तक सन्नाटा छाया रहा, मानो समय थम सा गया हो। राजस्थान के कुल 28 स्थानों पर इस ब्लैकआउट का निर्देश जारी किया गया था, जिससे सुरक्षा अभ्यास को सटीकता से अंजाम दिया जा सके।
रेलवे और एयरपोर्ट भी हुए प्रभावित
ब्लैकआउट के दौरान उत्तर-पश्चिम रेलवे के सभी स्टेशनों पर भी अंधेरा छा गया। जिन ट्रेनों का स्टेशन पर ठहराव था, वे आगे के लिए रवाना नहीं हो सकीं और स्टेशन पर ही खड़ी रहीं। यात्री भी इस अप्रत्याशित घटना को देख हैरान रह गए। इसके अलावा, जयपुर एयरपोर्ट पर भी 15 मिनट तक फ्लाइट संचालन बाधित रहा। इस दौरान तीन फ्लाइट्स को अस्थायी रूप से रोका गया।
एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल से बढ़ी सतर्कता
ब्लैकआउट से पहले, राजस्थान के प्रमुख शहरों जैसे जयपुर, अजमेर, कोटा, सीकर और अलवर में एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई। इस दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाला सायरन बजाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ी।
राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत किया गया अभ्यास
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को संभावित खतरों के प्रति जागरूक करना और सुरक्षा बलों को तैयार रखना था। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के अभ्यास से आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया देने की क्षमता को परखा और मजबूत किया जाता है।