नई व्यवस्था के तहत प्रार्थी अब ऑनलाइन भी करवा पा रहे हैं प्रकरण दर्ज
प्रदेश में विशिष्ट अदालत शिविरों के जरिए सूचना से जुड़े प्रकरणों का
तेजी से किया जा रहा है निस्तारण - आयुक्त, राज्य सूचना आयोग
-आयोग प्रतिमाह 1675 प्रकरणों को कर रहा है निष्पादित
-नई व्यवस्था के तहत प्रार्थी अब ऑनलाइन भी करवा पा रहे हैं प्रकरण दर्ज
-नवाचार के तहत आयोग द्वारा समस्त पत्राचार अब सरकार के स्पीड पोस्ट द्वारा किए जा रहे हैं प्रेषित
राजस्थान राज्य सूचना आयोग के आयुक्त डीबी गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में विशिष्ट अदालत शिविरों में सूचना से जुड़े प्रकरणों का तेजी से निष्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व आयोग सितंबर माह में जेडीए और दिसंबर माह में स्कूली शिक्षा विभाग से जुड़े प्रकरणों के निष्पादन के लिए विशिष्ट अदालत शिविर लगाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में संभाग स्तर पर शिविर आयोजित कर अपील और परिवादों का निस्तारण किया जाएगा।
गुप्ता शनिवार को आयोग परिसर में विशिष्ट अदालत शिविर में नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज से जुड़े प्रकरणों की सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने बताया कि दोनों निगमों को मिलाकर कुल 656 प्रकरण हैं, इनमे से 65 केसेज की प्रति कोर्ट सुनवाई आज की गई है। आयोग में कुल 5 कोर्ट संचालित हुए। उन्होंने बताया कि शेष मामलों की सुनवाई 28 मई को की जाएगी।
आयुक्त ने बताया कि आयोग द्वारा ऑनलाइन शिकायत लेने की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई है, इससे अपील और केसेज के संख्या में बढ़ोतरी जरूर हो रही है लेकिन आमजन को भी खासी राहत मिल रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान टीम के समय कुल 18 हजार से ज्यादा केसेज थे। आयोग ने कोरोना काल में भी बेहतरीन कार्य करते हुए पिछले 13 माह में 18 हजार 464 द्वितीय अपीलों व 733 परिवादों का निस्तारण किया गया। इससे लंबित प्रकरणों में 12 हजार 327 अपील व 1317 परिवाद रह गए हैं।
गुप्ता ने कहा कि आयोग को प्रतिमाह 1 हजार से ज्यादा अपील और शिकायतें मिल रही हैं। आयोग प्रतिमाह 1675 मामलों के निस्तारण कर रहा है, जो कि अपने आप में कीर्तिमान है। इससे बैकलॉग भी समाप्त हो रहा है और वर्तमान के केसेज पर भी तुरंत सुनवाई हो पा रही है। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में संभाग स्तर पर सुनवाई की जाएगी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत मिल सके।
गुप्ता ने बताया कि आयोग द्वारा अब तक लगभग 5 करोड़ रुपए की शास्ति और लगभग 9 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि का दंड दिया गया। उन्होंने बताया कि इसमें से 2 करोड़ 33 लाख 65 हजार रुपए से ज्यादा की शास्ति और 5 लाख, 51 हजार से ज्यादा रुपए की क्षतिपूर्ति वसूली जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सूचना आयोग द्वारा समस्त पत्राचार अब सरकार के स्पीड पोस्ट द्वारा प्रेषित किया जाएगा, इसकी विधिवत शुरुआत 25 फरवरी से कर दी गई है।
विशिष्ट अदालत शिविर के दौरान नगर निगम ग्रेटर के आयोग महेंद्र सोनी, हैरिटेज आयुक्त अवधेश मीणा, आयोग की सचिव प्रियंका गोस्वामी, प्रवीण कुमार, राजेंद्र प्रसाद बरबड़, नारायण बारहट, लक्ष्मण सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।