मुंबई : रायगढ़ जिले के खालापुर में स्थित मॉन्टेरिया विलेज वीकेंड की छुट्टियाँ बिताने के लिए एक बेहतरीन स्थान है जहाँ मुंबई और पुणे से सिर्फ दो घंटे में पहुँचा जा सकता है, और अब इस विलेज ने पर्यटकों के लिए 'द कबीला' एक्सपीरियंस का शुभारंभ किया है। 'द कबीला' के पीछे की सोच दरअसल बंजारों, यानी घुमक्कड़ लोगों से प्रेरित है, जिसके जरिए यहाँ आने वाले मेहमानों को शहर की भीड़-भाड़ से दूर अपनी मर्ज़ी से इधर-उधर घूमने के अनुभव को बिल्कुल नए अंदाज़ में पेश करने की कोशिश की गई है।
यह सादगी और आधुनिक जिंदगी की सुविधाओं के बीच सही संतुलन है, जो आपको अपने काम-काज से थोड़ा ब्रेक लेने और अपने तन-मन में नई ऊर्जा जगाने का बेहद शानदार अवसर देता है। 'द कबीला' में अच्छी तरह से सुसज्जित 50 टेंट लगाए गए हैं, जिन्हें असल जिंदगी में गाँव का अनुभव प्रदान करने वाली चीजों के साथ सजाया गया है। मेहमान हमारे विशेषज्ञ कर्मचारियों की मदद से खेती कर और हल चलाने का अनुभव भी ले सकते हैं।
श्री राही वघानी, मैनेजिंग डायरेक्टर, मॉन्टेरिया रिज़ॉर्ट प्रा. लि. ने कहा, " 'द कबीला' मेहमानों को गाँव का अनुभव प्रदान करने के स्तर को और ऊपर ले जाता है। यह आपको शहर में अपने रोजमर्रा के काम-काज से थोड़ा आराम लेने का बेहतरीन अवसर प्रदान करता है और बंजारा लिविंग सेटअप के जरिए आपको बीते दिनों की यादों में वापस ले जाता है। टेंट के इर्द-गिर्द चारों ओर घूमने से लेकर पेड़ों के झुंड के नीचे झूले पर आराम करने अनुभव प्रदान करने वाला 'द कबीला' सचमुच कुदरत की खूबसूरती का भरपूर लुत्फ उठाने और जिंदगी के लम्हों का नए अंदाज में आनंद लेने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। मॉन्टेरिया विलेज दिलो-दिमाग को तरोताजा कर वाली छुट्टियों का आनंद लेने के लिए बेहतरीन है, जो आपको अपनी जड़ों की ओर वापस ले जाता है।”
इन पाँच गतिविधियों का आनंद अवश्य लीजिए
- 1) आराम से टहलते हुए गाँव की सैर का अनुभव – कैंप पहुँचकर थोड़ा आराम करने के बाद, यहाँ के ग्रामीण सेटअप का अनुभव प्राप्त करने के लिए गाँव की सैर करना बेहद जरूरी है। हरे-भरे खेतों, रंग-बिरंगे कच्चे मकानों और सरपंच हाउस में घूमने का आनंद लीजिए। गौशाला, झरना और गुफा सुरंग देखने तथा बांस की झुरमुट के बीच चलने का मजा लेने के साथ-साथ मंदिर का दर्शन कीजिए। पुराने एवं अस्थायी रूप से तैयार किए गए रेलवे स्टेशन घूम तथा रेल की पटरियों के बीच टहलने के साथ-साथ नक्षत्र गार्डन में ताजा फूलों का आनंद लीजिए।
2) झील में डुबकी लगाएँ, कुदरती बारिश के पानी में भीगने और तैरने या पानी में छप-छप करते एवं छींटे उड़ाते हुए इधर-उधर घूमने का मज़ा लेने के लिए मानसून का मौसम सबसे सही है। जो अपने भीतर छिपे बचपन के एहसास को फिर से जगाने और इसमें छलांग लगाने की इच्छा रखने वाले सभी लोगों को शानदार अनुभव देने वाला है!
3) मेला और स्ट्रीट फूड, लोक कला नामक प्रदर्शन मंच पर लोक नृत्य, संगीत और नौटंकी (मनोरंजक कला प्रदर्शन) सहित कई तरह की मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। अपने मन को तरोताजा करने के साथ-साथ आप यहाँ के स्टॉल पर उपलब्ध स्वादिष्ट पानी-पूरी, गोला, चना ज़ोर गरम और जूस का लुत्फ उठा सकते हैं। स्थानीय विक्रेता की कड़क चाय का स्वाद लेना न भूलें। आसपास के गाँव की महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे वर्कशॉप से अचार और पापड़ घर ले जाएँ। अपने पेट में थोड़ी जगह बनाए रखें, ताकि आप भारतीय रेस्टोरेंट, सबरस में जायकेदार व्यंजनों वाली पूरी थाली के बेहतरीन स्वाद का आनंद ले सकें।
4) हस्तशिल्प के सामानों की खरीदारी करें – फर्नीचर बुनकरों द्वारा बांस से तैयार की गई हस्तशिल्प की वस्तुएँ खरीदें। गाँव में बढ़ई, लोहार, नाई, दर्जी और कुम्हार के अलावा साइकिल की मरम्मत के लिए वर्कशॉप भी है।
5) पारंपरिक खेलों का आनंद लें – पारंपरिक खेलों जैसे कि कंचे, चकदो की सवारी, बाधा दौड़ और पेड़ों के झुंड के चारों तरफ लगे झूले आदि का भरपूर आनंद लीजिए।