संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा में बड़ी चूक, लोकसभा में घुसे दो लोग
सदन के अंदर मौजूद सांसदों ने उन्होंने पकड़ लिया और वे हिरासत में हैं। वहीं, सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
हाइलाइट्स:
- यह घटना संसद की सुरक्षा में एक गंभीर चूक को दर्शाती है।
- यह घटना 2001 के संसद हमले की बरसी पर हुई, जो एक याद दिलाने वाली घटना है कि देश अभी भी आतंकवाद के खतरे से ग्रस्त है।
- इस घटना से सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं।
नई दिल्ली: साल 2001 में हुए संसद हमले की बरसी पर एक बार फिर लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है। यहां बुधवार को दो लोगों ने लोकसभा में घुसकर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए डिब्बा खोलकर पीले रंग का धुआं छोड़ा।
सामने आए वीडियो में उन्हें एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर कूदते हुए देखा जा सकता है। ये लोग लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी की ओर बढ़ रहे थे। हालांकि, सदन के अंदर मौजूद सांसदों ने उन्होंने पकड़ लिया और वे हिरासत में हैं। वहीं, सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
इस पूरे घटनाक्रम पर जानकारी देते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया, “दो युवक गैलरी से कूद गए और उन्होंने कुछ फेंका, जिससे पीली गैस निकल रही थी। फिर सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों ने बाहर निकाला।”
अधीर कहते हैं, “यह निश्चित रूप से एक सुरक्षा उल्लंघन है क्योंकि आज हमने उन लोगों की बरसी मनाई है जिन्होंने 2001 में अपने प्राणों की आहुति दी थी और आज ही नए संसद भवन में फिर से ये हुआ।”
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी इस पूरे मामले पर चिंता जताई। वे कहते हैं, “अचानक लगभग 20 साल के दो युवक दर्शक गैलेरी से सदन में कूद पड़े और उनके हाथ में कनस्तर थे। ये कनस्तर पीला धुआं छोड़ रहे थे। उनमें से एक अध्यक्ष की कुर्सी की ओर भागने का प्रयास कर रहा था। वे कुछ नारे लगा रहे थे। धुआं जहरीला हो सकता था। यह सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है, खासकर 13 दिसंबर को, जिस दिन 2001 में संसद पर हमला हुआ था।”
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, "यह पूरी तरह से सुरक्षा चूक है। आज सदन के अंदर कुछ भी हो सकता था। जो भी लोग यहां आते हैं- चाहे वे विजिटर हों या रिपोर्टर, किसी के पास टैग नहीं हैं। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।"
हालांकि, सदन में कूदने वाले ये दोनों लोग कौन हैं और क्या नारेबाजी की। इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है। साथ ही इस बात की भी जांच की जा रही है कि ये लोग किस सांसद की सिफारिश पर यहां तक पहुंचे थे।
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