प्रशासनिक जटिलताओं को दूर कर जनकल्याण को सुगम बनाने का कार्य करें लोकसेवक - राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि लोक सेवक शासन तंत्र में जनता के सर्वाधिक करीब रह कर कार्य करते हैं। व्यापक अनुभव के कारण उनमें निष्पक्षता के साथ जनता के मनोभावों को समझ कर परिस्थिति का सटीक विश्लेषण करने की विशेष योग्यता होती है।

Apr 21, 2022 - 18:39
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प्रशासनिक जटिलताओं को दूर कर जनकल्याण को सुगम बनाने का कार्य करें लोकसेवक - राज्यपाल

प्रशासनिक जटिलताओं को दूर कर जनकल्याण को सुगम बनाने का कार्य करें लोकसेवक

- राज्यपाल,

लोकसेवकों द्वारा आमजन के हित के लिए किए जा रहे है नीति निर्माण व अभिनव प्रयोग

- मुख्य सचिव,

लोकसेवक करें प्रमाण आधारित कार्य

-प्रधान मुख्य वन संरक्षक,

समर्पित, संकल्पबद्ध और निष्पक्ष हो कर लोक सेवक कर रहे है कार्य, येे है स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया

- संजीव चोपड़ा,

गवर्नेंस में है टेक्नोलॉजीज की महत्वपूर्ण भूमिका 

- प्रकाश कुमार

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि लोकसेवक लोकतंत्र के सशक्त प्रहरी होते हैं। उन्होंने लोकसेवकों से प्रशासनिक जटिलताओं को दूर करते हुए जनकल्याण कार्यों की प्रक्रिया को सुगम और आसान बनाने का आह्वान किया है।

राज्यपाल मिश्र गुरुवार को यहां हरिश्चन्द्र माथुर राजस्थान लोक प्रशासन संस्थान में लोक सेवा दिवस के अवसर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा, भारतीय राजस्व सेवा और राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकसेवकों के लिए राजधर्म ही सर्वाेपरि होता है और लोकतंत्र में संविधान का पालन सुनिश्चित करना ही राजधर्म है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमारे लिए धर्मग्रंथों की तरह पवित्र है, यह हमें अधिकार देता है तो कर्तव्यों की सीख भी देता है।

राज्यपाल ने कहा कि लोक सेवक शासन तंत्र में जनता के सर्वाधिक करीब रह कर कार्य करते हैं। व्यापक अनुभव के कारण उनमें निष्पक्षता के साथ जनता के मनोभावों को समझ कर परिस्थिति का सटीक विश्लेषण करने की विशेष योग्यता होती है। उन्होंने कहा कि लोक सेवक ही सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हैं।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि लोकसेवक जिस भी दायित्व पर रहकर कार्य करें, उसमें यथास्थिति और व्यवस्था बनाए रखने को ही अपनी जिम्मेदारी नहीं समझें बल्कि विकास को प्रभावी रूप में अमलीजामा पहनाने के लिए गंभीर होकर कार्य करें। उन्होंने लोकसेवकों से जनता से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों को तकनीकी दक्षता के साथ लागू करने के लिए लक्ष्य बनाकर कार्य करने का आह्वान किया ताकि विकास कार्यक्रमों से जनता अधिकाधिक लाभान्वित हो सके।

राज्यपाल ने कहा कि लोकसेवकों को नियमों में रहकर ही कार्य करना चाहिए, परन्तु यह भी ध्यान रखना चाहिए कि नियमों के चलते लोक कल्याण का कार्य जटिल न बन जाए। उन्होंने कहा कि हरेक मसले पर संवैधानिक प्रावधानों में संशोधन की बात पर जोर देने के बजाय जड़ और अव्यावहारिक हो चुके नियमों को परिस्थितियों के अनुसार बदलने के लिए भी प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने चूरू जिला कलेक्टर श्री सिद्धार्थ सिहाग को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोक सेवा दिवस पर नई दिल्ली में सम्मानित किए जाने पर बधाई दी।

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के माध्यम से देश और प्रदेश की उन्नति में योगदान देने वाले लोकसेवकों को समर्पित लोकसेवा दिवस 21 अप्रैल को मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन सुनिश्चित करने में प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों सहित लोक सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्य सचिव ने कहा कि लोक सेवकों द्वारा आमजन के हितों को देखते हुए नीति निर्माण व अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य बेहतर सर्विस डिलिवरी के माध्यम से सुशासन को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में फ्लैगशिप योजनाओं का जिला स्तर पर मूल्यांकन कर रैकिंग जारी की जा रही है। इसका उद्देश्य जिलों के मध्य प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करना है, ताकि प्रत्येक जिला बेहतर कार्य का सके। यह रैकिंग प्रतिमाह दी जा रही हैं। श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों को नवाचार पर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिय गए है, ताकि प्रत्येक जिले में नवाचार हो सके। उन्होंने आह्वान किया कि लोक सेवक आमजन को गणेश मानकर उनकी सेवा भाव से सेवा करें।

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के पूर्व निदेशक और सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्री संजीव चोपड़ा ने कहा कि लोकसेवकों को सुशासन, प्रशासन और प्रबन्धन के महत्व को बारीकी से समझते हुए लोकहित के लिए पूर्ण निष्ठा और लगन से कार्य करना चाहिए। उन्होंने लोकसेवकों के कर्तव्यों को विभिन्न उदाहरणों और उद्धरणों के माध्यम से समझाते हुए कहा कि समर्पित, संकल्पबद्ध और निष्पक्ष रहकर देश की प्रगति के लिए कार्य करने की क्षमता होने के कारण ही सरदार वल्लभ भाई पटेल ने लोक सेवकों को स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया कहकर सम्बोधित किया था।

सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं वाधवानी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एवं पॉलिसी के सीईओ प्रकाश कुमार ने एक प्रस्तुतिकरण देकर गवर्नेंस के भीतर टेक्नोलॉजीज की महत्वपूर्ण भूमिका को रेंखाकित किया। उन्होंने कहा कि डेटा कलेक्शन के माध्यम से कार्यो की प्रगति का मुल्यांकन बेहतर तरीके से किया जा सकता है और सभी सरकारी विभागों में इसका उपयोग करना चाहिए। उन्होंने लोकसेवकों को आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (आई) सहित अन्य टेक्नोलॉजीज का उपयोग करने पर जोर भी दिया।  

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं हैड ऑफ फोरेस्ट फोर्स डीएन पांडेय ने उद्बोधन में कहा कि सिविल सर्विस लोक सेवकों से समर्पण मांगती है। उन्होंने लोकसेवकों से आह्वान किया कि वे प्रमाण आधारित कार्य ही संपादित करें।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक एम.एल. लाठर सहित प्रशासनिक, पुलिस एवं अन्य सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा गणमान्यजन उपस्थित रहे। इससे पूर्व राज्यपाल मिश्र ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोकसेवकों को संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया।