रिद्धिमा एकेडमी: किशोरों को भविष्य के लिए बना रही है सक्षम और आत्मनिर्भर
रिद्धिमा एकेडमी किशोरों को पब्लिक स्पीकिंग, क्रिएटिव राइटिंग, फाइनेंशियल लिटरेसी और इमोशनल इंटेलिजेंस जैसे जरूरी स्किल्स सिखाकर बना रही है उन्हें 2025 और आगे के लिए सक्षम।

नई दिल्ली, 9 जून: 21वीं सदी की वर्कफोर्स की ज़रूरतें तेजी से बदल रही हैं, लेकिन पारंपरिक शिक्षा प्रणाली आज भी पुरानी सोच पर टिकी हुई है। ऐसे में रिद्धिमा एकेडमी एक नई राह बना रही है—जहाँ किशोरों को किताबों से कहीं आगे की ज़िंदगी के लिए तैयार किया जा रहा है।
यह एकेडमी सिर्फ पढ़ाई में अव्वल आने वाले छात्र नहीं बनाती, बल्कि आत्मविश्वासी, भावनात्मक रूप से सशक्त और नेतृत्व करने वाले युवाओं को तैयार करती है।
“हम सिर्फ अच्छे विद्यार्थी नहीं, प्रभावशाली वक्ता, चिंतनशील नेता और निर्णायक परिवर्तनकर्ता तैयार कर रहे हैं,” कहती हैं रिद्धिमा, जिन्हें हाल ही में वीमेन अचीवर अवार्ड 2025 - रिफॉर्मर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया।
भविष्य की ज़रूरतें: पब्लिक स्पीकिंग, लेखन और वित्तीय शिक्षा
यहाँ का प्रमुख कोर्स है – पब्लिक स्पीकिंग और क्रिएटिव राइटिंग, जिससे छात्र न केवल आत्मविश्वास से बोलना सीखते हैं, बल्कि मंच पर अपनी पहचान भी बना पाते हैं। बहस से लेकर कंटेस्ट तक, यहां के छात्र हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं।
इसके साथ ही भावनात्मक बुद्धिमत्ता (Emotional Intelligence) पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। तनाव प्रबंधन, सहानुभूति और सामाजिक स्थितियों को समझने की कला छात्रों को सिखाई जाती है।
इसके अलावा, पारंपरिक स्कूलों से अलग, यहां पैसे की समझ भी सिखाई जाती है—बजट बनाना, बचत, निवेश और पैसे की मनोविज्ञान तक का ज्ञान दिया जाता है, जो आमतौर पर वयस्कों को भी देर से समझ आता है।
सीमाओं से परे शिक्षा की सोच
रिद्धिमा एकेडमी में शिक्षा को सिर्फ ग्रेड्स का खेल नहीं माना जाता, बल्कि यह खोज और सशक्तिकरण की प्रक्रिया है। यहां छात्र प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं, पॉडकास्ट होस्ट करते हैं, लेखन प्रकाशित करते हैं और दुनिया भर के मेंटर्स व साथियों से जुड़ते हैं।
आज के किशोरों पर लगातार अच्छा करने का दबाव है। एकेडमी उनका मार्गदर्शन करती है कि वे रुकें, सोचें, और जानें कि उन्हें सच में क्या प्रेरित करता है।
“आज के टीनेजर्स हर चीज़ में परफेक्ट बनने की दौड़ में थक रहे हैं,” रिद्धिमा कहती हैं। “हम उन्हें अपने भीतर झाँकने और खुद को पहचानने की राह दिखाते हैं।”
अब यह एकेडमी डिजिटल मीडिया और ग्लोबल एलायंस के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार कर रही है। रिद्धिमा का लक्ष्य है—एक ऐसी शिक्षा प्रणाली बनाना जो भौगोलिक, मानसिक और भावनात्मक सीमाओं से परे हो।
“हम उस भविष्य को बना रहे हैं—छात्र दर छात्र, कौशल दर कौशल।”
तेजी से बदलती दुनिया में, रिद्धिमा एकेडमी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे शिक्षा बदलाव को अपनाकर समाज को दिशा दे सकती है।