बौद्धिक सम्पदा विषयक व्याख्यान का आयोजन 

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के नूतन सभागारमें ’’बौद्धिक सम्पदा विषयक’ विशेषव्याख्यान का आयोजन किया    गया ।

Sep 30, 2024 - 20:31
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बौद्धिक सम्पदा विषयक व्याख्यान का आयोजन 
बौद्धिक सम्पदा विषयक व्याख्यान का आयोजन 
 उदयपुर : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयके संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के नूतन सभागारमें ’’बौद्धिक सम्पदा विषयक’ विशेषव्याख्यान का आयोजन किया    गया ।  इस अवसर पर डॉंक्टर धनपत राम अग्रवाल, अखिल भारतीयसह-संयोजक, स्वदेशी जागरण मंच द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भकरते हुये ’’बौद्धिक सम्पदा विषयक’’ पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों को सम्बोधितकरते हुये तकनीकी व कानूनी पक्ष की विस्तृत जानकारी दी एवं नये विचार (आईडिया) कोप्रयोगशालाओं में जॉंचने व अनुकुल वातावरण बना कर पायलेट प्रोजेक्ट की तर्ज परपरख कर क्रियान्वयन करने का आह्वान किया । डॉं0 अग्रवाल ने बताया कि 300 वर्ष पूर्वहम प्राकृतिक संसाधनों पर ही निर्भर थे, पॅूजिगत संसाधन आगे बढ़ गये हैंतथा स्वदेशी वस्तुओं की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ ही मार्केटिंग की आवश्यकताबताई । देश को आगे बढ़ाने के लिये स्वदेशी वस्तुओं को आमजन तक पहॅुचे परबल दिया । जैसाकि आईपीआर एक आवश्यक विषय है, जिसे अनुसन्धान के साथ ही व्यापकप्रचार-प्रसार करना होगा ।
विद्यार्थियों को अपने देश में ही अनुसन्धान करतेहुये स्वदेशी उत्पादों का उपयोग व उपभोग बढ़ाना होगा । इस अवसर पर डॉं0राज कुमार मित्तल द्वारा रचित जैविक उद्यमिता हर युवा-उद्यमी आधारित   ’’37 करोड़ स्टार्टअप्स का देश’’ पुस्तिका काविमोचन किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉं0 अजीत कुमारकर्नाटक द्वारा इस विशेष व्याख्यान हेतु पधारे डॉं0 धनपत राम अग्रवाल का आभारप्रकट करते हुये विश्वविद्यालय की ओर से स्वागत किया और बताया कि इस प्रकार केज्ञानवर्द्धक व्याख्यान विद्यार्थियों के लिये उपयोगी सिद्ध होगें ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालयके कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किये गये विभिन्न अनुसन्धान व प्रसार कायों पर प्रसन्नताव्यक्त करते हुये भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में कृषि की नवीनतम् प्रौद्योगिकी सेकृषकों को लाभान्वित करने पर बल दिया । देश का भला करना स्वयं का भला करनाहोगा तथा किसी भी काम को करने के लिये प्रेरणा की आवश्यता है तथा नवाचारोंपर जोर देते हुये किसानोंपयोगी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया । इस अवसर पर डॉं0 आर.ए. कौशिक, निदेशक प्रसार शिक्षा,अधिष्ठाता मात्स्यकी महाविद्यालय एवं कार्यवाहक अधिष्ठाता राजस्थान कृषि महाविद्यालय,उदयपुर द्वारा इस प्रकार के विशेष व्याख्यान समय-समय पर आयोजित करने रहने कीबात दोहराते हुये कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ वैज्ञानिकों, संकाय सदस्यों,कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति पर सन्तोष प्रकट किया ।  समारोह के अन्त में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियन्त्रक एवं महाविद्यालयके सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉं0 रामहरि मीणा ने विशेष व्याख्यान में पधारेसभी कृषि शिक्षाविदों व विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुये धन्यवाद ज्ञापितकिया । कार्यक्रम का संचालन डॉं0 कपिल देव आमेटा, सह प्राध्यापक उद्यानविज्ञान ने किया । 
Mamta Choudhary Admin - News Desk