क्लीनिकल एविडेंस के साथ चिकित्सा करने की आवश्यकता -डॉ. भास्कर शर्मा

Tue, 03 Oct 2023 01:32 PM (IST)
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क्लीनिकल एविडेंस के साथ चिकित्सा करने की आवश्यकता -डॉ. भास्कर शर्मा
क्लीनिकल एविडेंस के साथ चिकित्सा करने की आवश्यकता -डॉ. भास्कर शर्मा

डॉ भास्कर शर्मा को डॉक्टरेट ऑफ होमियोपैथी उपाधि मिला l

 

होम्योपैथी से रोगों को जड़ से मिटाया जा सकता हैl क्रॉनिक डिजीज के सफल उपचार के लिए मरीज के वर्तमान हिस्ट्री लक्षणों के विवरण के साथ मरीज के इलाज के पहले दिन से लेकर इलाज पूर्ण होने तक की सभी रिपोर्ट,उपचार का रिकॉर्ड के साथ ही इलाज से पूर्व करायी गयी जांच रिपोर्ट से लेकर रोगमुक्‍त होने तक की जांच रिपोर्ट अनिवार्य रूप से शामिल करें, क्‍योंकि यही रिपोर्ट्स वे सबूत होते हैं जो आप द्वारा किये गये इलाज की सफलता की वैज्ञानिक रूप से पुष्टि करते हैं।यह महत्‍वपूर्ण बातें शर्मा होम्योपैथिक चिकित्सालय एंड रिसर्च सेंटर इटवा सिद्धार्थनगर के चीफ कन्‍सल्‍टेंट डॉ भास्कर शर्मा ने लता फाउंडेशन तथा वेबबिक युनिवर्सिटी घाना द्वारा 1 अक्टूबर 2023 को राजस्थान इंटरनैशनल सेंटर जयपुर में आयोजित एजुकेशनल कांफ्रेंस ऑन हेल्थ एंड अवॉर्ड सेरिमनी में अपने सम्‍बोधन में दी।

 

हेल्थ केयर समिट में देश भर से आये हुए चिकित्‍सकों ने अनेक प्रकार के रोगों के इलाज को लेकर अपना प्रस्‍तुतिकरण दिया। डॉक्टर भास्कर शर्मा ने कहा कि होम्‍योपैथी के दम को साइंटिफि‍क कसौटी पर खरा साबित करने के लिए रोगी के दस्‍तावेजों को सबूत के तौर पर रखना होगा। डा. भास्कर शर्मा ने यह भी कहा कि सिर्फ रोगी के कथन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सबूत नहीं माना जा सकता है।ज्ञात हो डॉ भास्कर शर्मा के रिसर्च वर्क का सफर उनकी होम्‍योपैथी शिक्षा के दौरान ही प्रारम्‍भ हो गया था।

 

अब तक विभिन्‍न प्रकार के रोगो में एक्‍सपेरिमेंटल रिसर्च कर डॉ भास्कर शर्मा देश ही नहीं विदेशों में भी अपने कार्य का लोहा मनवा चुके हैं।उन्‍होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि कई रोगी उनके पास किडनी में पथरी की शिकायत लेकर आया, मैंने उसका अल्‍ट्रासाउंड कराया तो पथरी होने की पुष्टि हुई, उसका उपचार शुरू किया गया, कुछ दिन बाद आकर रोगी ने कहा कि उसकी पथरी निकल गयी, उसने एक पत्‍थर दिखाते हुए कहा कि यह पेशाब में निकला है। मैंने उससे कहा कि एक अल्‍ट्रासाउंड करा लीजिये तो मरीज का कहना था कि मुझे अब आराम है, मैं कह रहा हूं तो इसकी क्‍या आवश्‍यकता है, इस पर मैंने उस रोगी को अल्‍ट्रासाउंड जांच का शुल्‍क देते हुए उससे जांच कराने को कहा, उसने जांच करायी तो अल्‍ट्रासाउंड रिपोर्ट में देखा कि पथरी नहीं थी, यह एक वैज्ञानिक सबूत हुआ कि उपचार से पूर्व अल्‍ट्रासाउंड रिपोर्ट में जो पथरी दिख रही थी, वह अब नहीं है।

 

डॉ. भास्कर शर्मा ने कहा कि इस तरह डॉक्‍यूमेंटेशन करने के बाद इन्‍हें प्रतिष्ठित जर्नल में छपवाने के लिए भी आवेदन करें, इसका लाभ यह होगा कि आपके कार्य को राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मान्‍यता मिलेगी, साथ ही चूंकि जर्नल में छपने की इस प्रक्रिया के लिए आपके दावे के दस्‍तावेजों को दूसरे विशेषज्ञों द्वारा अनेक प्रकार की कसौटी पर परखा जायेगा, जिसके बाद आपकी उपलब्धियों का वह दस्‍तावेज 24 कैरेट सोने जैसा खरा बन चुका होगा।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्टेट मिनिस्टर राजस्थान राजीव अरोड़ा जी,रफीक जी एम एल ए जयपुर ,श्रीमती एकता अग्रवाल स्टेट मीडिया पैनलिस्ट बीजेपी आदि मौजुद रहे lकार्यक्रम की शुरुआत गणेश पूजन से किया गया lडॉ अनुराग सक्सैना अध्यक्ष जनरलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया डॉक्टर सुरेश कुमार सैनी डॉक्टर चेतन उदय ममता सुनील कुकरेजा एसएन प्रधान राजन कुमार नरेश कुमार शर्मा डॉ राम सिंह चौहान दीपक भवानी आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए lकार्यक्रम की समापन तथा धन्यवाद ज्ञापन लता फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉक्टर पंकज खटवानी ने सभी अतिथियों का स्वागत, अभिनंदन तथा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 42 लोगों को सम्मानित किया गया है lअंत में डॉ भास्कर शर्मा ने यह भी कहा कि मेरे रिसर्च पेपर इंटरनेशनल तथा नेशनल रिसर्च जनरल पबमेड, स्कोपस, पीर रिव्यूड रिसर्च जर्नल में सौ से अधिक रिसर्च पेपर पब्लिश्ड हो चुका है l

 

Mamta Choudhary Admin - News Desk